बेरोजगार कला अध्यापक संघ कि वीडियो कांफ्रेंस के जरिए एक बैठक का आयोजन किया गया। राज्य कार्यकारिणी के अध्यक्ष मुकेश भारद्वाज और सचिव प्रेमदीप, उपसचिव जगदीश कुमार, प्रवीण कुमार और बलवंत सीमा शर्मा तथा कुलवंत कौर ,सुनिता,टशी नेगी रजनीश कुमार प्रवक्ता अशोक कुमार नरेश ठाकुर व सभी राज्य कार्यकारिणी के सदस्य तथा जिला कार्यकारिणी के अध्यक्ष उपाध्यक्ष इस मीटिंग में शामिल हुए मीटिंग में आने वाले बजट मैं अपनी कुछ मांगे सरकार के समक्ष रखने तथा पूर्ण करने के लिए चर्चा की गई। मीटिंग में कई और बेरोजगार कला अध्यापकों ने भी अपनी राज्य कार्यकारिणी से मांग और वर्तमान में हो रही बैच वाइज भर्ती पर सवाल उठाए।
बैठक में मौजूद सभी सदस्यों का कहना था कि एक तो कला अध्यापक के कई सालों बाद पद भरे जा रहे हैं, दूसरी तरफ सरकार और शिक्षा विभाग की तरफ से ऐसी कंडीशने लगा दी हैं जिसमें बेरोजगार कला अध्यापकों को मुश्किलें हो गई है। उनका कहना था कि जिस भी जिले में गए वहां पर ड्यूटी ट्रैक्टर द्वारा कई बच्चों को कंडीशन पूरी ना करने पर उन्हें इंटरव्यू से बाहर कर दिया। सरकार और शिक्षा विभाग द्वारा r&p rules और आरटीई एक्ट का हवाला देखकर उनको बाहर कर दिया। इनमें ज एक नई कंडीशन ने सभी को परेशानी में डाल दिया। इस भर्ती में सरकार और शिक्षा विभाग द्वारा सीनियरिटी का आधार अभ्यर्थियों की डेट ऑफ सैशन की जगह डेट ऑफ सर्टिफिकेट इशू कर दी गई। ऐसा कभी पहले नहीं हुआ लेकिन अब यह नया मापदंड खड़ा कर दिया। इससे कई बच्चे हिमाचल तकनीकी शिक्षा बोर्ड और कई बच्चे पंजाब शिक्षा बोर्ड और कई बच्चे यूनिवर्सिटी और कई बच्चे हरियाणा के चक्कर लगाते रहे। उन्होंने अपने सर्टिफिकेट की डेट ऑफ इश्यू का मसला हिमाचल तकनीकी शिक्षा बोर्ड और पंजाब शिक्षा बोर्ड में जाकर उठाया। सभी का कहना था कि हिमाचल सरकार ने कला अध्यापक के पद निकाले हैं, जिसमें सिनियोरियि को उ डिप्लोमा और सर्टिफिकेट में डेट ऑफ इश्यू ले रहे हैं। हिमाचल तकनीकी शिक्षा बोर्ड और पंजाब तकनीकी शिक्षा बोर्ड तथा यूनिवर्सिटीओं ने इस मापदंड को गलत बताया। जिससे बेरोजगार कला अध्यापक काफी निराशा और परेशानी झेलनी पड़ी
स्टेट लेवल पर काउंसलिंग का भी किया विरोध
बैठक में मौजूद बेरोजगार अध्यापकों ने सवाल उठाया कि जब c&v का जिला स्तर पर काउंसलिंग हुआ करती थी तो कला अध्यापकों की राज्य स्तर पर क्यों की गई। उनका कहना था कि अगर राज्य स्तर पर करनी थी तो सरकार और शिक्षा विभाग को एक ही स्थान पर काउंसलिंग करनी चाहिए थी। राज्य स्तर काउंसलिंग होने पर सभी जिलों के बच्चों को कई परेशानियां उठानी पड़ी l प्रत्येक अभ्यर्थी को 30 से 40,000 तक खर्चा करना पड़ा और उसमें भी जिला के ड्यूटी डायरेक्टर्स द्वारा सही ढंग से व्यवस्था नहीं की गई थी। जिस भी जिला में गए वहां सभी को परेशानियों का सामना करना पड़ा और कई अभ्यर्थी को इस बैच वाइज भर्ती में कई जिलों में पहुंच तक नहीं पाए। इधर राज्य कार्यकारिणी ने भी सरकार और शिक्षा पर आरोप लगाए हैं कि इतने सालों बाद कला अध्यापक के पद निकले हैं उसमें भी कई जिलों में तो ठीक समय पर काउंसलिंग हो गई है। कई जिलों में काफी लेटलतीफी से कार्य हुआ है। संघ के सचिव प्रेम दीप ने कहा है कि एक ही दिन में दो दो जिलों में काउंसलिंग रख दी जिसके कारण 1 दिन में 2 जिलों में अभ्यर्थी काउंसलिंग में भाग नहीं ले पाए।
स्कूलों में खाली पड़े 1000 से अधिक कला अध्यापकों के पद भरने की मांग
उधर राज्य अध्यक्ष मुकेश भारद्वाज तथा समस्त संघ और जिला के सभी अध्यक्षों ने मुख्यमंत्री और शिक्षा मंत्री तथा शिक्षा सचिव और शिक्षा निदेशक से अनुरोध किया है की बैच वाइज भर्ती में डेट ऑफ यीशु की जगह डेट ऑफ सैशन लिया जाए जिस की कॉपी शिक्षा निदेशक हिमाचल प्रदेश शिमला को भी हिमाचल तकनीकी शिक्षा बोर्ड ने जारी की हुई है उसमें लिखा है गया है कि कला अध्यापक के पद भरने में अभ्यर्थी का डेट ऑफ सेशन लिया जाए। संघ ने मांग की है कि जो दिव्यांगों की पोस्ट भरी जाएगीं उनको एक स्थान पर बुलाया जाए। जिससे उनको परेशानी का सामना ना करना पड़े। अध्यक्ष मुकेश भारद्वाज तथा उप सचिव जगदीश कुमार व प्रवीण कुमार व बलवंत तथा सीमा शर्मा अंजू शर्मा शशी नेगी समस्त कला अध्यापकों ने मुख्यमंत्री तथा शिक्षा मंत्री, शिक्षा सचिव शिक्षा निदेशक से मांग की है कि इस बजट सेशन में जो 1000 प्लस कला अध्यापक के पद मिडिल और हाई स्कूलों में खाली चल रहे हैं उनको भरने के लिए बजट में शामिल किया जाए तथा पहली कक्षा से कला विषय को अनिवार्य किया जा। पूर्व सरकार ने जो प्राइमरी टू मिडिल स्कूल किए हैं उसमें कला विषय तो है लेकिन कला की पोस्ट नहीं है, उन स्कूलों में भी कला की पोस्ट को बहाल किया जाए। सभी लंबे अरसे बा 820 पद भरने के लिए जो बेरोजगार कला अध्यापक संघ ने सरकार का आभार जताया हैं।