शिमला।
डीसी शिमला आदित्य नेगी ने अधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि शिशु गृहों का औचक निरीक्षण करें, जिससे इन गृहों में सुधार संभव हो सके।
उन्होंने अपने कार्यालय कक्ष में जिला बाल संरक्षण समिति की बैठक ली। उन्होंने बताया कि जिला के 11 शिशु गृहों में 334 बालक/बालिकाओं को संरक्षण मिल रहा है तथा यह समस्त शिशु गृह बाल संरक्षण अधिनियम के मानकों के तहत पंजीकृत हैं।
उन्होंने बताया कि जिला में क्रेडल नवजात केन्द्र दीन दयाल उपाध्याय अस्पताल, कमला नेहरू अस्पताल व महात्मा गांधी चिकित्सा संस्थान खनेरी, रामपुर में स्थापित किए गए हैं तथा इनके रख-रखाव के लिए अनेक कदम उठाए जा रहे हैं।
उन्होंने बाल कल्याण समितियों की गतिविधियों पर विस्तृत चर्चा की तथा अधिकारियों को बाल अधिकारों के प्रति संवेदनशील होने पर बल दिया, ताकि धरातल पर वर्तमान प्रदेश सरकार की सर्वस्पर्शी नीतियों का लाभ मिल सके।
उन्होंने बताया कि जिला के प्रत्येक शिशु गृह में काउंसलिंग की सुविधा उपलब्ध है तथा समय-समय पर स्वास्थ्य कैंप भी आयोजित किए जाते हैं, जिससे बालक/बालिकाओं का मानसिक एवं शारीरिक विकास संभव हो सके।
आदित्य नेगी ने कोविड संकटकाल के दौरान शिशु गृह की योजनाओं पर गहनता से विचार विमर्श किया और कर्मचारियों को कारगर कदम उठाने का आह्वान किया।
इस अवसर पर जिला बाल संरक्षण अधिकारी रमा कंवर, उप-निदेशक उच्च शिक्षा अशोक शर्मा, उप-निदेशक प्रारम्भिक शिक्षा भाग चंद चौहान, सचिव जिला रेडक्राॅस सोसायटी बी.एस. जिल्टा, जिला पंचायत अधिकारी विजय बरागटा एवं अन्य अधिकारी व कर्मचारी उपस्थित थे।