May 4, 2024


Warning: sprintf(): Too few arguments in /home/zurwmpgs60ss/public_html/shimlanews.com/wp-content/themes/newsphere/lib/breadcrumb-trail/inc/breadcrumbs.php on line 253

नर्क सा जीवन जीने पर मजबूर कमला के पुनर्वास के लिए सीएम से उमंग की अपील 

1 min read

शिमला। एक गंभीर दुर्घटना के बाद घुटनों से नीचे बेजान हुई टांगों और बिगड़े मानसिक संतुलन ने कमला की जिंदगी को नर्क से बदतर बना दिया है। उसका न तो कोई परिवार है और न ही घर। किसी ने दया कर एक जर्जर, अन्धेरा कमरा बारिश और धूप से बचने के लिए उसे दिया हुआ है। टूटे कनस्तर पर गत्ते जलाकर कभी एक वक्त चावल पका लेती है तो कई रोज गुजारा चल जाता है। 
भारतीय संविधान, लोकतंत्र, मानवाधिकार और नारी सम्मान की दुहाई देकर मोमबत्ती मार्च निकालने वालों या महिला कल्याण की रिपोर्टों से फाइलें भरने वाले सरकारी अफसरों की निगाह ऐसे दबे-कुचले वर्ग पर कभी नहीं पड़ती। उमंग फाउंडेशन के अध्यक्ष प्रो. अजय श्रीवास्तव ने मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर को पत्र लिखकर उसे तुरंत बेसहारा महिलाओं के आश्रय में भेजने और इलाज कराने की मांग की है।
ऊपरी शिमला के सरस्वती नगर के नजदीकी गांव अंटी में कई साल से दयनीय हालत में रह रही कमला (53) को एक दिन सड़क पर घुटनों के बल रेंगते रोहड़ू के सामाजिक कार्यकर्ता नरेंद्र चौहान और उनके साथी जितेंद्र मेहता ने देखा तो वे हैरान रह गए। चौहान ने उसे नर्क से निकालने के लिए सोशल मीडिया का सहारा लिया। उसका ब्यौरा वायरल होने पर सरकारी तंत्र हरकत में आया और मौके का मुआयना करके जुटाई गई जानकारी शिमला भेज दी। जुब्बल के एसडीएम के ध्यान में भी पूरा मामला है। लेकिन प्रशासनिक सुस्ती के कारण अभी तक उसे कोई सुरक्षित ठिकाना नहीं मिल सका है। 

नरेंद्र चौहान रोहडू और जुब्बल क्षेत्रों से अनेक बेसहारा बुजुर्गों और महिलाओं को सुरक्षित आश्रय में भिजवा चुके हैं। कमला के मामले में भी उन्होंने काफी प्रयास किए। 

बेसहारा कमला बताती है कि वह मूल रूप से चंबा जिले की रहने वाली है। उसे ईसाई भी बनाया गया था। लेकिन अब भी वह स्थानीय देवता से डरती है। वह कहती है कि अंटी गांव छोड़कर वह कहीं नहीं जा सकती क्योंकि देवता नाराज हो जाएगा। उसके अनुसार देवता का कहना है कि पूजन करके एक भेड़ू और बकरा चढ़ाने के बाद ही वह कहीं जा सकती है।
हिमाचल प्रदेश राज्य विकलांगता सलाहकार बोर्ड के विशेष सदस्य प्रो. अजय श्रीवास्तव ने मुख्यमंत्री से इस मामले में तुरंत हस्तक्षेप की मांग की है। उनका कहना है कि मानसिक रूप से अस्वस्थ, गम्भीर विकलांगता के कारण चल पाने में असमर्थ कमला का जीवन अधिकार, सम्मानपूर्वक जीवन यापन का अधिकार, स्वास्थ्य का अधिकार और न्याय पाने का आधिकार उससे छीना गया है। तुरंत उसका उचित पुनर्वास राज्य सरकार की जिम्मेवारी है।

About Author

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Copyright © All rights reserved. | Newsphere by AF themes.