April 28, 2024


Warning: sprintf(): Too few arguments in /home/zurwmpgs60ss/public_html/shimlanews.com/wp-content/themes/newsphere/lib/breadcrumb-trail/inc/breadcrumbs.php on line 253

हल्के कोविड-19 लक्षणों वाले बच्चों का उपचार होम आइसोलेशन में किया जाए

1 min read

शिमला।

स्वास्थ्य विभाग के एक प्रवक्ता ने कहा कि 10 जून, 2021 तक राज्य में 197438 लोग कोरोना महामारी से प्रभावित हुए है जिनमें से अधिकतर मामले 18 वर्ष से अधिक आयु वर्ग के है। उन्होंने कहा कि संभावित तीसरी लहर के आने से बच्चे अधिक प्रभावित हो सकते है जिसके दृष्टिगत राज्य सरकार किसी भी स्थिति से निपटने के लिए सभी आवश्यक कदम उठा रही है।
 उन्होंने कहा कि बच्चों में पाए जाने वाले कोविड-19 आम लक्षणों में बुखार, खांसी, नाक बहना, गले में खराश, शरीर में दर्द, सिरदर्द, अस्वस्थता और कमजोरी शामिल हैं। उन्हें दस्त, उल्टी, भूख न लगना और स्वाद न आना भी हो सकती है। हालांकि हल्के लक्षणों वाले मामलों में सांस की तकलीफ नहीं होती। उन्होंने कहा कि मध्यम व गंभीर मामलों में सांस लेने में कठिनाई, आॅक्सीजन के स्तर का 94 प्रतिशत से कम होना भी शामिल है। प्रवक्ता ने कहा कि 12 वर्ष से अधिक उम्र के बच्चों के लिए 6 मिनट वाॅक टेस्ट माता-पिता व अभिभावकों की देखरेख में हाइपोक्सिक लक्षणों को उजागर करने के लिए किया जाना चाहिए।

       प्रवक्ता ने कहा कि 18 वर्ष से कम उम्र के बच्चों में कोविड-19 के प्रबंधन के लिए स्वास्थ्य सेवा महानिदेशालय भारत सरकार द्वारा जारी दिशा-निर्देशों के अनुसार बच्चों में कोविड के मामलों के नैदानिक प्रबंधन के लिए केाविड के सभी मामलों को 4 श्रेणियों में विभाजित किया जाएगा। उन्होंने कहा कि बच्चों के उपचार में रेमडेसिविर दवा का उपयोग नहीं किया जाना चाहिए क्योंकि इसका उपयोग केवल  आपातकालीन स्थिति में ही प्राधिकृत अधिकारी की स्वीकृति के बाद ही किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि स्टेराॅयड का उपयोग नहीं बताया गया है और कोविड-19 के हल्के लक्षणों व बिना लक्षणों वाले मामलों में हानिकारक हैं। इस आयु वर्ग में स्टेराॅयड का उपयोग मध्यम व गंभीर रूप से बीमार कोविड-19 मामलों में सही समय पर, उचित खुराक में और सही अवधि के लिए अस्पताल में भर्ती होने पर ही किया जाना चाहिए।

 उन्होंने कहा कि बिना लक्षणों वाले संदिग्ध मामलों और गले में खराश, नाक बहने और कोविड-19 के हल्के लक्षणों वाले व अन्य मामले जिनमें सांस लेने में कठिनाई न हो, की होम आइसोलेशन में देखभाल की जानी चाहिए। ऐसे बच्चों के लिए आवश्यकता होने पर टेली-परामर्श सेवाओं का उपयोग किया जाना चाहिए। ऐसे बच्चों को हाइड्रेशन और पौष्टिक आहार के रूप में खाने के लिए तरल पदार्थ दिए जाने चाहिए। परिवार में बच्चों और व्यस्कों को कोविड अनुरूप व्यवहार का सख्ती से पालन किया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि कोविड प्रभावित बच्चों से परिवार के सदस्यों को फोन, वीडियो काॅल आदि के माध्यम से सकारात्मक बातचीत करनी चाहिए। मध्यम व गंभीर लक्षणों वाले बच्चों को तुरंत अस्पताल में स्थानांतरित करना चाहिए।

उन्होंने कहा कि दिशा-निर्देशों के अनुसार 5 साल तक के बच्चों को मास्क नहीं पहनना चाहिए। 6 से 11 वर्ष के आयु वर्ग के बच्चे माता-पिता, अभिभावकों की देखरेख में मास्क पहन सकते हैं। 12 साल व इससे अधिक उम्र के बच्चों को व्यस्कों की तरह ही मास्क पहनना चाहिए। उन्होंने आग्रह किया है कि माता-पिता व अभिभावक यह सुनिश्चित करें कि उनका बच्चा हाथों को स्वच्छ रखे और मास्क को हाथ लगाते समय हाथ नियमित रूप से साबुन और पानी या हैंड सैनिटाइजर से साफ करता रहे।

       

                             

       


About Author

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Copyright © All rights reserved. | Newsphere by AF themes.