राज्यपाल के अभिभाषण के साथ विधानसभा बजट सत्र शुरू, विपक्ष ने किया वॉकआउट
1 min readराज्यपाल ने अपने अभिभाषण गिनाई सरकार की उपलब्धियां
शिमला
राज्यपाल राजेंद्र विश्वनाथ आर्लेकर के अभिभाषण के साथ ही बुधवार को हिमाचल विधानसभा का बजट सत्र आरंभ हो गया। राज्यपाल ने अपने अभिभाषण के दौरान विधानसभा सदन में सरकार की उपलब्धियां गिनाई और केंद्र सरकार का विभिन्न योजनाओं में सहयोग देने के लिए आभार भी जताया। राज्यपाल ने कहा कि कोरोना संकट में भी राज्य सरकार ने विकास कार्यों को नहीं रुकने दिया। प्रदेश के जरूरतमंद लोगों को प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना, आत्मनिर्भर भारत अभियान सहित विभिन्न जन कल्याणकारी योजनाओं के माध्यम से आर्थिक सहायता उपलब्ध करवाई गई।
राज्यपाल ने कहा कि हिमाचल में स्वास्थ्य सुविधाओं का विस्तार किया गया है। कोरोना माहामारी से बचाव के लिए हिमाचल प्रदेश टीकाकरण की पहली और दूसरी डोज के सौ फीसदी लक्ष्य प्राप्त करने वाला पहला प्रदेश बना है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ने अपने अब तक के चार वर्षों में हिमाचल को नई बुलंदियों तक पहुंचाने, प्रदेश की आर्थिकी मजबूत बनाने, युवाओं के लिए रोजगार और स्वावलंबन के द्वार खोलने, महिलाओं के सामाजिक-आर्थिक उत्थान, किसानों और बागवानों की खुशहाली और पिछड़े व कमजोर वर्गों को विकास की मुख्यधारा में लाने का काम किया है।
राज्यपाल ने कहा कि नालागढ़ में मेडिकल डिवाइस पार्क स्थापित करने की मंजूरी मिल गई। जिला ऊना में बल्क ड्रग फार्मा पार्क की मंजूरी को लेकर भी राज्य सरकार आशान्वित है। राज्यपाल ने धर्मशाला में हुए निवेश सम्मेलन और शिमला व मंडी में हुई ग्राउंड ब्रेकिंग सेरेमनी का भी जिक्र किया। करीब एक घंटा चालीस मिनट तक के अभिभाषण में राज्यपाल ने हिमाचल सरकार की विभिन्न योजनाओं को गिनाया।
15 मार्च तक चलेगा विधानसभा का बजट सत्र
बुधवार से शुरू हुआ हिमाचल विधानसभा का बजट सत्र 15 मार्च तक चलेगा। बजट सत्र में कुल 16 बैठकें होगी। 4 मार्च को सदन में मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर अपनी सरकार का पांचवा बजट पेश करेंगे। विधानसभा सत्र के दौरान कोविड से बचाव के लिए एसओपी का पालन किया जा रहा है। विधानसभा में प्रवेश करने वाले सभी लोगों की थर्मल स्कैनिंग की जा रही है और दर्शक दीर्घा में 50 प्रतिशत की क्षमता से पास जारी किए जा रहे हैं।
विधानसभा सत्र शुरू होने से पहले मंगलवार को एक सर्वदलीय बैठक भी बुलाई गई थी। इसमें बजट सत्र को सुचारू रूप से चलाने का आग्रह किया गया था, लेकिन सत्र के पहले ही दिन विपक्ष ने राज्यपाल के अभिभाषण के बीच सदन से वॉकआउट कर दिया।