May 3, 2024

अध्यापक संघ ने नए वेतनमान में तीसरा विकल्प न देने पर जताई नाराजगी

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कर्मचारियों के लिए नए वेतनमान के प्रारूप पर उठाए सवाल

शिमला

हिमाचल राजकीय अध्यापक संघ ने हिमाचल सरकार द्वारा जारी नए वेतनमान के प्रारूप पर सवाल उठाए हैं।
संघ के प्रदेश अध्यक्ष वीरेंद्र चौहान ने मीडिया से बातचीत करते हुए कहा कि हिमाचल में छठे वेतन आयोग के लागू होने और उससे कर्मचारियों को होने वाले नफा नुकसान के बारे में अवगत कराया। उन्होंने कहा कि पंजाब में सरकार ने कर्मचारियों को छठे वेतन आयोग की सिफारिशों को लागू कर दिया है और वहां पर कर्मचारियों के लिए चयन के लिए तीन विकल्प दिए हैं जो जिस को ठीक लगे उस आधार पर अपना वेतन निर्धारण करवा सकता है। लेकिन हिमाचल में ऐसा नहीं किया गया है।

चौहान ने कहा कि पंजाब में कर्मचारियों के लिए एक तो 1-10-2011 से पूर्व के वेतनमान पर 2.59 का मल्टीप्लायर लगने की बात कही है और 1-10-2011 के वेतनमान के बाद 2.25 के मल्टिप्लाई का विकल्प है तथा तीसरा विकल्प 31- 12 -2015 के वेतनमान और ग्रेड पे पर 113% डीए सहित कुल जोड़ पर 15% की वृद्धि वाला विकल्प दिया गया है जिसे पंजाब के कर्मचारियों के विरोध के बाद मुख्यमंत्री ने 113% की जगह 119% करने की मान ली है साथ ही यदि कर्मचारी तीसरे वाले विकल्प को लेते हैं तो उस पर पहले एरियर नहीं मिलने की बात कही गई थी जो कि बाद में 2.25 मल्टीप्लायर वाली कैलकुलेशन के तहत एरियर देने की बात भी पंजाब सरकार ने मान ली है लेकिन हिमाचल में हिमाचल सरकार के द्वारा जो पे कमिशन का प्रारूप तैयार किया गया है उसमें केवल दो ही विकल्प दिए गए हैं। अंतिम तीसरा विकल्प जो कि 15% की वृद्धि वाला है, वह हिमाचल सरकार द्वारा नहीं दिया जा रहा है।

तीसरे वाला विकल्प ज्यादा फायदेमंद

चौहान ने कहा कि उन्होंने तीनों विकल्पों से अपना वेतन निर्धारण किया है जिससे पता चला कि तीसरे वाला विकल्प ज्यादा फायदेमंद है और इसमें होने वाली वृद्धि पहले दो विकल्पों से ज्यादा है और भविष्य में भी इस विकल्प से कर्मचारियों को रिटायरमेंट के समय पे फिक्सेशन और ग्रेच्युटी में ज्यादा फायदा होने वाला है । इसलिए यदि हमें अभी एरियर मे कुछ संतोष करना पड़े लेकिन भविष्य में इसके दूरगामी परिणाम हो सकते हैं।

31% डीए की अधिसूचना भी जारी करे सरकार

साथ ही संघ के अध्यक्ष ने सरकार से मांग की के छठे वेतन आयोग की अधिसूचना के साथ ही केंद्र सरकार द्वारा दिए जाने वाले 31% डीए की अधिसूचना भी जारी कर दी जाए।
वीरेंद्र चौहान ने कहा कि इससे सभी कर्मचारियों को पै कमीशन से 5-10 हजार का फायदा नजर आएगा अन्यथा इस पे कमीशन के लागू होने से कोई फायदा नहीं होने वाला है इसके साथ ही यह भी मांग की गई के इस अधिसूचना के साथ ही भत्तो में दी जाने वाली बढ़ोतरी की अधिसूचना भी जारी की जाए जिसके तहत मकान आवास भत्ता में कम से कम 10% बेसिक के आधार पर और सीसीए में 5% बेसिक के हिसाब से वृद्धि की जाए और साथ ही कर्मचारियों एवं शिक्षकों को 1000 रुपये मोबाइल बता भी दिया जाए मेडिकल अलाउंस के स्थान पर कर्मचारियों के लिए कैशलैस हेल्थ स्कीम का प्रावधान किया जाए।
इसके साथ-साथ 4-9-14 टाइम स्केल को बहाल करने की अधिसूचना भी शीघ्र जारी की जाए ।
चौहान ने कहा के छठे वेतन आयोग को लागू करने का ड्राफ्ट विधि विभाग में काफी दिनों से लंबित है और इसे शीघ्र अधिसूचित करने की आवश्यकता है इसके साथ ही संघ मुख्यमंत्री द्वारा अनुबंध सेवाकाल को 3 साल से 2 साल करने के फैसले का स्वागत करता है और मांग करता है कि जो भी कर्मचारी इससे लाभान्वित हो रहे हैं उन्हें शीघ्र नियमित करने का कार्य किया जाए।

। प्रदेश में 320 से अधिक प्रधानाचार्य के पद खाली

प्रदेश अध्यक्ष ने शिक्षा विभाग की कार्यप्रणाली पर प्रश्नचिन्ह लगाते हुए सवाल उठाए कि यदि एक मुख्याध्यापक को 30 नवंबर 2021 को प्लेसमेंट के तहत प्रधानाचार्य बना दिया जाता है तो उससे वरिष्ठ 100 से अधिक मुख्य अध्यापकों को एक महीने तक यह प्लेसमेंट क्यों नहीं दि गयी। जबकि इस दौरान कुछ सेवानिवृत्त हो गए हैं और बहुत से लोग 31 दिसंबर को सेवानिवृत्त होने वाले हैं।
प्रदेश में 320 से अधिक प्रधानाचार्य के पद खाली चल रहे हैं और निर्धारित कोटे के तहत 222 पदों पर मुख्य अध्यापकों से और 98 पदों पर प्रवक्ताओं से प्रधानाचार्य की प्लेसमेंट होनी है लेकिन मुख्य अध्यापक वर्ग का जो पैनल निदेशालय से सचिव शिक्षा को गया है वह केवल 117 शिक्षकों का ही है इससे विभाग की कार्यप्रणाली पर प्रश्नचिन्ह लग जाता है यदि मुख्य अध्यापक वर्ग की 220 से अधिक रिक्तियां बनती है तो इससे ज्यादा शिक्षकों का पैनल अभी तक क्यों नहीं भेजा गया इसके लिए कौन अधिकारी दोषी है उन पर कड़ी कार्रवाई होनी चाहिए ।
संघ ने मांग की है कि प्रिंसिपल की प्लेसमेंट सूची को शीघ्र जारी किया जाए और 2017 से प्लेसमेंट पर कार्य कर रहे प्रधानाचार्य को भी नियमित किया जाए। इसके अतिरिक्त कंप्यूटर शिक्षकों एवं आउट सोर्स पर कार्य कर रहे हैं बाकी शिक्षकों व कर्मचारियों के लिए भी नीति बनाकर इन्हें नियमित करने का कार्य किया जाए ।

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