May 15, 2024


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एबीवीपी की मांग: लावण्या के गुनहगारों के खिलाफ हो कड़ी कारवाई

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आरोप: धर्मांतरण के लिए बनाए जा रहे दवाब से तंग आकर छात्रा ने किया था सुसाइड

शिमला

अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (एबीवीपी) ने तमिलनाडू की लावण्या की सुसाइड के लिए जिम्मेवार लोगों पर कड़ी कारवाई की मांग की है। तमिलनाडू के तंजावुर जिले के सेकर्ड हार्ट गर्ल्स हायर सेकेंडरी स्कूल की छात्रा लावण्या ने इस साल 9 जनवरी को स्कूल प्रशासन द्वारा धर्मांतरण के लिए बनाए जा रहे दवाब से तंग आकर कीटनाशक का सेवन कर आत्महत्या की कोशिश की थी, जिसके बाद 19 जनवरी को उसकी मृत्यु हो गई।

एबीवीपी के प्रांत मंत्री विशाल वर्मा ने शिमला में एक प्रेस कांफ्रेंस में कहा कि लावण्या को न्याय दिलाने की लड़ाई अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद पूरे देश में लड़ रही है। उन्होंने कहा कि 14 फरवरी को विद्यार्थी परिषद के कार्यकर्ता इस मुद्दे को लेकर मुख्यमंत्री आवास के बाहर धरना प्रदर्शन कर रहे थे। इस दौरान पुलिस ने बर्बरतापूर्ण लाठीचार्ज करते हुए कई कार्यकर्ताओं को गिरफ्तार किया व सरकारी अधिकारियों पर हमला करने जैसी गैर जमानती धाराएं लगा दीं, जिससे कि उन्हें अधिक समय तक गिरफ्तार करके रखा जा सके । जबकि किसी भी अधिकारी को कोई खरोच तक परिषद के इस विरोध प्रदर्शन में नहीं आई ।

विशाल वर्मा ने कहा कि अपने आप को धर्मनिरपेक्ष कहने वाली डीएमके की सरकार लावण्या के अंतिम ब्यान के बाबजूद भी कोई ‌कारवाई नही कर रही । डीएमके सरकार किस तरीके से ईसाई मिशनरियों के समर्थन में खड़ी है, यह उनके छदम धर्मनिरपेक्षता को दर्शाता है। तमिलनाडु की स्टॅलिन सरकार जिस तरीके से लावण्या की आत्महत्या मामले में मद्रास उच्च न्यायालय के निर्णय को सर्वोच्च न्यायालय के समक्ष चुनौती देती है तथा उसे घर के अंतर कलह का नाम देती है। जो यह दर्शाता है कि केवल हिंदू धर्म को कोसना और ईसाई मिशनरी को संरक्षण देने का काम डीएमके की धर्मनिरपेक्षता में आता है।

विशाल वर्मा ने कांग्रेस को भी इस मामले में घेरा और कहा कि कांग्रेस की धर्मनिरपेक्षता की पोल उस दिन ही खुल गई थी जब इस केस में गिरफ्तार हुई स्कूल वार्डन की जमानत के बाद तमिलनाडु सरकार के विधायक उसका स्वागत करते हैं।

विशाल वर्मा ने इस केस की सीबीआई जांच के आदेश देने के सर्वोच्च न्यायालय फैसले का स्वागत किया है और उम्मीद जताई है की इस मामले में सीबीआई जल्द से जल्द कार्रवाई करेगी।
परिषद ने झूठी धाराएं लगाकर गिरफ्तार विद्यार्थी परिषद की राष्ट्रीय महामंत्री निधि त्रिपाठी सहित अन्य 33 कार्यकर्ताओं की रिहाई की की भी मांग की और ऐलान किया कि विद्यार्थी परिषद तमिलनाडु सरकार के इस सांप्रदायिकरण के खिलाफ पूरे देश भर में आंदोलन करेगी।

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