उद्यान विभाग के एक प्रवक्ता ने आज यहां बताया कि प्रदेश सरकार ने वर्ष 2022 के दौरान हिमाचल प्रदेश में सेब खरीद के लिए मण्डी मध्यस्थता योजना के क्रियान्वयन को स्वीकृति प्रदान की है।
उन्होंने कहा कि वर्ष 2022 के लिए मण्डी मध्यस्थता योजना के अन्तर्गत 1,44, 936 मीट्रिक टन सेब के लिए प्रापण मूल्य 10.50 रुपये प्रति किलो रहेगा।
उन्होंने कहा कि हैंडलिंग चार्जिज़ 2.75 रुपये प्रति किलो और अनुमानित बिक्री प्राप्ति 3.50 प्रतिकिलो माना जाएगा। उन्होंने कहा कि योजना के अन्तर्गत फल बागवानों की मांग के अनुरूप 305 प्रापण केन्द्र खोले जाएंगे, जिस में से एचपीएमसी द्वारा 169 केन्द्र खोले तथा संचालित किए जाएंगे। उन्होंने कहा कि 136 केन्द्र हिमफेड के कर्मचारियों द्वारा संचालित किए जाएंगे, जिसके लिए उद्यान विभाग ने 259.84 लाख रुपये की निधि प्रस्तावित की है।
उन्होंने कहा कि इस योजना के अन्तर्गत 35 किलो की क्षमता वाले गनी बैग में फल खरीदे जाएंगे। वाष्पोत्सर्जन की हानि को देखते हुए 2.5 प्रतिशत अधिक फलों की खरीद की जाएगी। योजना के अन्तर्गत केवल 51 एमएम से अधिक व्यास वाले सेबों की खरीद की जाएगी। उन्होंने कहा कि जिन फलों का छिलका फटा हुआ होगा या पक्षियों द्वारा खाए गए/क्षतिग्रस्त फलों की खरीद नहीं की जाएगी। उन्होंने कहा कि कीट, कीड़ों और फंफूद रोग से ग्रस्त फल जिनमें स्कैब, एथरल स्प्रे वाले फल शामिल हैं, कच्चे एवं अधिक पके फलों को भी स्वीकार नहीं किया जाएगा। इसी प्रकार, गम्भीर रूप से कटे फलों को भी स्वीकार नहीं किया जाएगा। उन्होंने कहा कि हल्की ओलावृष्टि, हल्की चोट, गेरूए और विकृत आकृति वाले फलों को स्वीकार किया जाएगा।
उन्होंने कहा कि प्रदेश में मण्डी मध्यस्थता योजना 20 जुलाई से 31 अक्तूबर, 2022 तक क्रियान्वित की जाएगी।