प्रदेश सरकार द्वारा सभी श्रमिकों एवं उनके परिवारों को बेहतर सुविधा उपलब्ध करवाने के उद्देश्य से हिमाचल प्रदेश भवन एवं अन्य निर्माण कामगार कल्याण बोर्ड के माध्यम से अनेकों योजनाएं चलाई जा रही है ताकि श्रमिकों तथा उनके परिवारों की आर्थिकी सुदृढ़ हो सके। यह जानकारी आज यहां उपायुक्त शिमला आदित्य नेगी ने मनरेगा एवं सन्निर्माण मजदूरों को उपलब्ध करवाई जाने वाली विभिन्न योजनाओं के संबंध में आयोजित बैठक की अध्यक्षता करते हुए दी। उन्होंने कहा कि जिला में मनरेगा तथा सन्निर्माण से जड़े 10 हजार श्रमिकों को पंजीकरण करवाने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है, जिसमें से अब तक 9 हजार 916 श्रमिकों का पंजीकरण किया जा चुका है। उन्होंने कहा कि भवन एवं अन्य सन्निर्माण कामगार अधिनियम 1996 के अनुसार वह सभी कामगार जो भवन या अन्य सन्निर्माण कार्य, भवनों, मार्गों, सड़कों, सिंचाई, जल निकास, तट बंध, बाढ़ नियंत्रण कार्य, वर्षा जल निकास कार्य, विद्युत के उत्पादन, विद्युत लाईनों, टेलीफोन, बांधों, नहरों, जलाश्यों, सुरंगों, पुल-पुलियों, पाईप लाईनों, टावर के निर्माण कार्य, मुरम्मत के रख-रखाव आदि से संबंधित कार्यों में सम्मिलित श्रमिक अपना बोर्ड में पंजीकरण कर योजनाओं का लाभ उठा सकते हैं।
उन्होंने कहा कि इसके अतिरिक्त पंजीकरण के लिए भवन एवं अन्य सन्निर्माण कार्य मंे कार्यरत कामगार की आयु 18 से 60 वर्ष होनी चाहिए। 90 दिन का कार्य प्रमाण-पत्र जो 12 माह में कम से कम 90 दिन पूरे किए गए हो। पंजीकरण के लिए कामगार को संबंधित श्रम अधिकारी के कार्यालय में दो पासपोर्ट फोटो के साथ परिवार रजिस्टरी की प्रति, स्कूल छोड़ने का प्रमाण-पत्र, आधार कार्ड, ड्राईविंग लाईसेंस, मतदाता कार्ड में से किसी एक दस्तावेज की प्रति होनी आवश्यक होगी। पंजीकरण शुल्क एक रुपया के साथ 9 रुपये अंशदान तीन वर्षों के लिए अदा करना होगा।
उन्होंने कहा कि प्रार्थी को अपनी सदस्यता जारी रखने के लिए 90 दिनों का कार्य प्रमाण-पत्र संबंधित श्रम अधिकारी के कार्यालय में जमा करना होगा। इसके अतिरिक्त पंजीकरण को ऑनलाइन भी शुरू किया गया है, जो कामगार बोर्ड की वेबसाईट इवबूण्ीचण्दपबण्पद पर करवा सकते हैं।
उन्होंने कहा कि बोर्ड में पंजीकृत श्रमिकों को जिन्होंने पिछले 12 माह में कम से कम 90 दिनों तक भवन एवं अन्य निर्माण कार्य किया हो वह बोर्ड द्वारा चलाई जा रही विभिन्न कल्याणकारी योजनाओं का लाभ प्राप्त कर सकते हैं, जिसमें शादी हेतु वित्तीय सहायता में दो माह की सदस्यता के साथ पंजीकृत अविवाहित के स्वयं के विवाह हेतु 51 हजार रुपये तथा विवाहित लाभार्थी के दो बच्चों के विवाह हेतु 51 हजार प्रत्येक बच्चे को प्रदान किए जाएंगे।
उन्होंने कहा कि मातृत्व व पितृत्व प्रसुविधा योजना के तहत दो माह की सदस्यता के साथ पंजीकरण महिला लाभार्थी को प्रसव अवधि के समय या बच्चे के जन्म पर 25 हजार रुपये, पंजीकृत महिला को दो प्रसवों तक समय-समय पर प्रचलित न्यूनतम मजदूरी की दरों से 90 दिनों से 26 सप्ताह के लिए मातृत्व अवकाश, पंजीकृत कर्मकार की पत्नी दो प्रसवों तक 6 हजार रुपये प्रति प्रसव एवं पुरुष लाभार्थी को पितृत्व सुविधा के तहत बच्चे के जन्म पर 1 हजार रुपये की राशि प्रदान की जाएगी।
चिकित्सा सहायता योजना के अंतर्गत पंजीकृत लाभार्थी और उनके आश्रितों को चिकित्सा उपचार हेतु बाह्य चिकित्सा उपचार के लिए 50 हजार रुपये, अंतरंग चिकित्सा प्रतिपूर्ति के लिए एक लाख रुपये एवं गंभीर बीमारी से ग्रसित लाभार्थी के लिए 5 लाख रुपये तक की राशि का प्रावधान है।
उन्होंने कहा कि शिक्षा के लिए वित्तीय सहायता के अंतर्गत पंजीकृत सदस्यों के दो बच्चों की पढ़ाई के लिए प्रथम कक्षा से आठवीं कक्षा तक 8400 रुपये, 9वीं से 12वीं कक्षा तक 12 हजार रुपये, स्नात्तक या इसके बराबर के लिए 36 हजार रुपये, स्नात्तकोतर के लिए 60 हजार रुपये, डिप्लोमा पाठ्यक्रम के लिए 48 हजार रुपये, पाॅलिटेक्निक डिप्लोमा के लिए 60 हजार रुपये, व्यवसायिक जैसे मेडिकल इंजीनियरिंग, पीएचडी इत्यादि के लिए एक लाख 20 हजार रुपये प्रत्येक वर्ष का प्रावधान है।
उन्होंने बताया कि पेंशन सुविधा योजना के अंतर्गत 60 वर्ष की आयु पूर्ण करने वालों को एक हजार रुपये का प्रावधान है। विकलांग पेंशन के अंतर्गत पंजीकृत लाभार्थी की दुर्घटना एवं बीमारी के कारण विकलांगता के लिए 500 रुपये प्रति माह, 50 प्रतिशत से अधिक विकलांगता की स्थिति में 50 हजार रुपये और 50 प्रतिशत से कम विकलांगता के लिए 25 हजार रुपये की राशि का प्रावधान है।
अंतिम संस्कार सहायता हेतु आश्रितों को 20 हजार रुपये की राशि देय होगी। मृत्यु सहायता के लिए पंजीकृत सदस्य की दुर्घटना के कारण मृत्यु पर आश्रितों को 4 लाख एवं प्राकृतिक दुर्घटना में 2 लाख रुपये का प्रावधान है।
बेटी जन्म उपहार योजना के अंतर्गत पंजीकृत लाभार्थी को बालिकाओं के जन्म पर 51 हजार रुपये की राशि एफडी के रूप में बोर्ड द्वारा दी जाएगी। मानसिक रुप से मंद एवं अपंग बच्चों के लिए पंजीकृत लाभार्थी के बच्चों की देखरेख के लिए बोर्ड द्वारा प्रत्येक वर्ष 20 हजार रुपये की राशि का प्रावधान है।
विधवा पेंशन योजना के अंतर्गत पंजीकृत लाभार्थी की विधवा को 1500 रुपये प्रत्येक माह देने का प्रावधान है। हॉस्टल सुविधा योजना के अंतर्गत पंजीकृत लाभार्थी के बच्चों को होस्टल में रहने पर प्रत्येक वर्ष 15 हजार से 20 हजार रुपये की राशि का प्रावधान है।
मुख्यमंत्री आवास योजना एवं प्रधानमंत्री आवास योजना के अंतर्गत पंजीकृत लाभार्थियों को एक लाख 50 हजार रुपये की राशि का प्रावधान है।
उन्होंने सभी खण्ड विकास अधिकारियों को जिला में मनरेगा तथा सन्निर्माण कार्य से जुड़े श्रमिकों का ज्यादा से ज्यादा पंजीकरण करवाने के निर्देश दिए ताकि बोर्ड द्वारा चलाई जा रही विभिन्न योजनाओं का लाभ ज्यादा से ज्यादा श्रमिकों को प्राप्त हो सके।
बैठक में जिला श्रम अधिकारी चन्द्र मोहन शर्मा, जिला कार्यक्रम अधिकारी ममता पाॅल, जिला बाल संरक्षण अधिकारी रमा कंवर, समस्त खण्ड विकास अधिकारी एवं अन्य अधिकारीगण उपस्थित थे।