हिमाचल प्रदेश राजकीय भाषायी अध्यापक संघ ने संस्कृत और हिन्दी भाषा के अध्यापकों को टीजीटी पदनाम देने का स्वागत किया है।
हिमाचल प्रदेश राजकीय भाषायी अध्यापक संघ के प्रधान नरेंद्र शर्मा और सचिव श्री गोविन्द शर्मा मुख्य संरक्षक धनवीर एवं ज्ञान दास संयोजक हेमराज ठाकुर सलाहकार राजेश सारस्वत, श्याम चौहान और युगल किशोर शर्मा और विधि सलाहकार दिवान वर्मा ,महिला मोर्चा अध्यक्ष मंजुला वर्मा व महिला मोर्चा पदाधिकारी दमयन्ती शर्मा, रीता चौहान, मीरा शर्मा जिला कुल्लू से संघ के वरिष्ठ उपाध्यक्ष गोविन्द ठाकुर जिला किन्नौर से महिला मोर्चा उपाध्यक्ष रिंकी ब्रिक्स नेगी व भाषायी अध्यापक संघ की पूरी टीम ने मुख्यमंत्री जय राम ठाकुर के नेतृत्व वाली प्रदेश सरकार का दिल की गहराइयों से आभार व्यक्त किया। संघ के प्रधान नरेंद्र शर्मा का कहना है कि जिस प्रकार से ठाकुर जय राम ने संस्कृत और हिन्दी भाषा के अध्यापकों को टीजीटी पदनाम बारे कैबिनेट में बजट घोषणा के अनुसार स्वीकृति प्रदान की है,वह ठाकुर जयराम का भारतीय भाषाओं के प्रति प्रेम और सम्मान को दर्शाता है।
नरेंद्र शर्मा ने यह भी बताया कि कई दशकों से चिरलम्बित हिन्दी और संस्कृत भाषा अध्यापकों के टीजीटी पदनाम वाले मामले को सुलझाने में मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर,शिक्षा मंत्री गोविन्द ठाकुर,पूर्व शिक्षा मंत्री तथा शहरी विकास व विधि विभाग मंत्री हिमाचल सरकार सुरेश भारद्वाज ,स्वास्थ्य मंत्री डा सहजल तथा सम्पूर्ण हिमाचल सरकार के ऋण को दोनों भाषा परिवार के अध्यापक कभी नहीं चुका पाएंगे।उन्होंने इस अवसर पर भाजपा राज्य महामंत्री राकेश जम्बाल और दुग्ध फैडरेशन के चेयरमैन निहाल चन्द का भी विशेष आभार व्यक्त किया,जिन्होंने इस कार्य को सफल बनाने के लिए बहुत योगदान दिया।इसके साथ -साथ शिक्षा सचिव,निदेशक तथा सभी सहयोगी संगठनों का भी सहयोग देने के लिए धन्यवाद अदा किया ।
नरेंद्र शर्मा ने बताया कि यह एक ऐतिहासिक फैसला है, जो ठाकुर जयराम की सरकार ने किया है। बस अब मात्र एक पड़ाव इस दिशा में बाकी है, जो टीजीटी हिन्दी और संस्कृत पदनाम की अधिसूचना के साथ पूर्ण हो जाएगा।इसके लिए उन्होंने मुख्यमंत्री से और शिक्षामंत्री के साथ साथ शिक्षा विभाग के उच्च पदाधिकारियों से मांग की है कि टी जी टी हिन्दी और संस्कृत पदनाम की अधिसूचना बहुत ही जल्द ज़ारी की जाए। नरेंद्र शर्मा ने इस मुहिम को सफल बनाने के लिए शिक्षक महासंघ, डा मामराज पुंडीर,संस्कृत भारती , नरेन्द्र ठाकुर,संस्कृत शिक्षक परिषद,मनोज शैल,की पूरी टीम का भी सहयोग देने के लिए आभार व्यक्त किया।उनका कहना यह भी था कि हिन्दी और संस्कृत परिवार से ज्ञानदास शर्मा,हेमराज ठाकुर,यादवेंद्र ठाकुर,कृष्ण कुमार,भूपेंद्र सिंह,मंजुला,आचार्य रोशन,मैडम मधु, कमलेश,मंजुला वर्मा,राकेश कुमार,मनोहर लाल,धनवीर, गोविन्द ठाकुर, सुरेन्द्र कुमार, वीर सिंह, चतर सिंह सूर्यवंशी,शिवदेव,प्रेम धामी,धर्मेंद्र,लाल सिंह, देवेन्द्र,पंकज,अग्निवेश,अरुण शर्मा,नरेश ,बलदेव,विश्वनाथ, ऊषा दीपक,चंद्रावती,मंजू,अशोक कुमार,नवल किशोर, विकी,कमल ठाकुर ,विजय,संजय और सभी सक्रिय साथियों के साथ साथ दोनों भाषा के अध्यापक – अध्यापिकाओं का भी बहुत बहुत धन्यवाद है,जिनके अनथक प्रयासों से आज यह लाभ हिमाचल सरकार की कृपा से हिमाचल प्रदेश के हिन्दी और संस्कृत शिक्षकों को मिल सका है।