बड़ी हस्तियों, अफसरों के फेक व्हाट्स एप नंबर से मैसेज भेजकर की जा रही ठगी

साइबर पुलिस ने जांच शुरू करने के साथ ही लोगों को किया आगाह

प्रदेश में महत्वपूर्ण हस्तियों समेत कुछ अन्य वरिष्ठ अधिकारियों के नाम से फर्जी वॉट्सऐप मेसेज की शिकायत आ रही हैं। इसके बाद पुलिस के साइबर सेल ने मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है।
सामने आया है कि कुछ अधिकारियों को एक अनजान नंबर से मेसेज आए जिनमें साइबर अपराधी अपनी पहचान किसी की महत्वपूर्ण हस्ती के रूप में बता रहा था। इसी तरह कुछ अधिकारियों को वॉट्सऐप पर मेसेज भेजे गए। साइबर सेल ने इस संबंध में पड़ताल शुरू कर दी है। साथ ही लोगों से यह अपील भी की है कि इस तरह के अनजान नंबर से आने वाले संदेशों को नजरअंदाज करें और पहचान की पुष्टि किए बिना किसी तरह की बातचीत न करें।

पैसों की मांग या ओटीपी शेयर करने का कह रहे हैं अपराधी

यह देखा गया है कि इस तरह के अपराधी अक्सर रुपयों की मांग करते हैं या फिर कई बार फोन पर आए ओटीपी बताने को कहते हैं। अगर ओटीपी दे दिया जाए तो वे बैंक खातों में सेंध लगाकर ठगी करते हैं।

अपराध का ये है तरीका

साइबर क्षेत्र में ठगी के लिए अपराधी निरंतर नये नये तरीके अपनाते हैं । वर्तमान समय में WhatsApp के माध्यम से ठगी का प्रयास किया जा रहा है । साइबर अपराधी विशेषकर Nigerian सिटीजन हैं जो कि देश के कुछ हिस्सों जैसे छतरपुर,दिल्ली आदि स्थानों में रह रहे है। ये लोग नार्थ ईस्ट, बिहार, पश्चिम बंगाल, उत्तर प्रदश आदि राज्यों के Pre-activated SIM’s स्थानीय सिम रिटेलर (दुकानदारों) से प्राप्त कर रहे हैं और उस नंबर से ठगी के लिए रखे गये मोबाइल फ़ोन पर रजिस्टर कर लेता है और उस सिम को आगामी इस्तेमाल के लिए ग्रामीण, मजदूर या अनपढ़ लोगों को दिया जाता है जो वे इस बात से अनभिज्ञ होतें है कि इस सिम से WhatsApp नंबर पहले ही रजिस्टर किया जा चुका है। साइबर अपराधी इस WhatsApp के रजिस्टर होने पर किसी भी राज्य के महत्त्वपूर्ण हस्तियों, विभाग प्रमुख एवम वरिष्ठ अधिकारीयों की फोटो को Whatsapp में प्रोफाइल फोटो के तौर पर प्रयोग करते हैं। इसके पश्चात उनके मित्र, सहकर्मियों, रिश्तेदारों तथा परिचित व्यक्तियों को WhatsApp मेसेज भेज‌रहे हैं। इन मैसेज में आग्रह किया जा रहा है कि उन्हें कोई बेहद जरूरी काम एवम मेडिकल इमरजेंसी हो गयी है । यह कि इसके लिए पैसे Amazon गिफ्ट कार्ड के माध्यम से भेजने तथा Amazon गिफ्ट कार्ड कोड को शेयर करने के लिए कहा जाता है । जब यह कोड साइबर अपराधी के पास पहुंच जाता है तो वह इस कोड को एक अन्य व्यक्ति को भेज देता है तथा उससे 05 या 10% कटौती के बाद बाकि राशी का Cryptocurrency आदि खरीद करने को कहते हैं ।

ऐसे अपराधियों तक पहुंचने में करनी पड़ रही कड़ी मशक्कत

एडिशनल एसपी साइबर क्राइम नरवीर सिंह राठौर कहते हैं कि Whatsapp के संचालन के लिए इन्टरनेट कि आवश्यकता होती है जिसके लिए VPNया डबल सर्वर प्रॉक्सी का इस्तेमाल उपरोक्त Nigerian सिटीजन साइबर अपराधी अधिकतर कर रहे हैं। इस कारण जांच एजेंसी को सोर्स IP का पता लगाने में विलंब हो जाता है उन्होंने लोगों से यह अनुरोध किया है कि इस तरह के अनजान नंबर से जिस पर किसी महत्त्वपूर्ण हस्तियों, विभाग प्रमुख एवम वरिष्ठ अधिकारीयों की Whatsapp प्रोफाइल फोटो लगे गयी हो, से आने वाले मैसेज को नजरअंदाज करें और पहचान की पुष्टि किए बिना किसी तरह की बातचीत न करें। इस बारे में स्थानीय पुलिस या साइबर थाना शिमला में भी सम्पर्क किया जा सकता है।


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