शिमला
हिमाचल सरकार ने कर्मचारियों के प्रदर्शन, घेराव और हड़ताल पर रोक लगा दी है। सरकार ने इस संबध सख्त हिदायत जारी की हैं। हिमाचल में कर्मचारी ने वेतन विसंगतियों और पुरानी पेंशन बहालीकी मांग को लेकर बैठकें, धरना प्रदर्शन कर रहे हैं। इसे देखते हुए ही सरकार ने कड़ी कार्रवाई की चेतावनी जारी की है।
उधर सरकार के इन आदेशों को लेकर विपक्ष ने सरकार को घेरा और हंगामा किया।
सरकार द्वारा जारी आदेशों के मुताबिक धरना प्रदर्शन के दिन का कर्मचारियों का वेतन काटा जाएगा। कानून का उल्लंघन करने पर संबंधित कर्मचारी को सस्पेंड कर दिया जाएगा। शुक्रवार को कार्मिक विभाग की ओर से इस बारे में सचिवों, उपायुक्तों, विभागाध्यक्षों को आदेश जारी किए गए। इसमें कहा गया है कि सिविल सर्विस रूल्स 3 और 7 के तहत प्रदर्शन, घेराव, हड़ताल, पेन डाउन स्ट्राइक और सामूहिक अवकाश लेने वाले कर्मचारियों का वेतन काटा जाएगा। संबंधित विभाग द्वारा कर्मचारियों पर अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाएगी। यही नहीं ऐसे कर्मचारियों पर आपराधिक मामला भी दर्ज भी किया जा सकता है।
आदेशों के मुताबिक सरकारी कर्मचारियों का प्रदर्शन और हड़ताल करना नियमो का उल्लंघन है। हालांकि तात्कालिक तौर पर इन आदेशों के लिए विधानसभा का बजट सत्र आधार बनाया गया है और कहा गया है कि इन दिनों कर्मचारियों को छुट्टियां देने पर रोक लगाई गई है। लेकिन आगे भी इन आदेशों के माध्यम से कर्मचारियों की इस तरह की गतिविधियों पर लगाम लगाई जा सकेगी। कार्मिक विभाग ने अपने आदेशों में साफ किया है कि ऐसी गतिविधियों के लिए अगर कर्मचारी विभाग को नोटिस भी देते हैं तब भी उन पर पर कार्रवाई की जाएगी।
उधर मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने इस मुद्दे पर कहा कि कर्मचारी अपनी बात निर्धारित तरीके से रखें। मुख्यमंत्री ने कहा कि राजनीतिक दृष्टि से किसी को लाभ पहुंचाने के लिए सरकारी कर्मचारियों का प्रदर्शन करना जायज नहीं है। उन्होंने आरोप लगाया कि यह सब कुछ विपक्ष करवा रहा है। उन्होंने कहा कि विपक्ष के पास कोई मुद्दा नहीं है।
कर्मचारियों के प्रदर्शन रोक लगाने को लेकर हंगामा
कर्मचारियों का धरना प्रदर्शन, हड़ताल और गेट मीटिंग पर रोक लगाने को लेकर सदन में हंगामा हुआ। विपक्ष के नेता मुकेश अग्निहोत्री ने इस आदेश पर कड़ा एतराज जताया। उन्होंने कहा कि सरकार कर्मचारियों के आंदोलन को कुचलने का प्रयास कर रही है है जबकि प्रदर्शन करना कर्मचारियों का अधिकार है। उन्होंने आरोप लगाया कि जयराम सरकार हर वर्ग को प्रताड़ित कर रही है।