मुख्यमंत्री ने हिमाचल के पिछले 50 वर्षों की उपलब्धियों के दस्तावेज बनाने पर बल दिया

विधानसभा पुस्तकालय कक्ष में मंत्रियों, सांसदों, विधायकों, पूर्व सांसदों और पूर्व विधायकों का सम्मान समारोह आयोजित

शिमला

हिमाचल प्रदेश के पूर्ण राज्यत्व के स्वर्ण जयंती समारोह के ऐतिहासिक अवसर पर आज विधानसभा पुस्तकालय कक्ष में मंत्रियों, सांसदों, विधायकों, पूर्व सांसदों और पूर्व विधायकों के सम्मान में एक समारोह का आयोजन किया गया।

समारोह को सम्बोधित करते हुए मुख्यमंत्री जय राम ठाकुर ने राज्य की विकास यात्रा में सभी प्रदेशवासियों के महत्वपूर्ण योगदान के लिए उनका आभार व्यक्त किया। उन्होंने कहा कि प्रदेश की गौरवशाली विकास यात्रा उपलब्धियों से भरी हुई है। उन्होंने कहा कि यह हमारा कर्तव्य बनता है कि राज्य की इस विकासात्मक यात्रा के बारे में नई पीढ़ी को शिक्षित किया जाए। उन्होंने कहा कि इस उद्देश्य की पूर्ति के लिए राज्य ने अपनी 50 वर्षों की विकासात्मक यात्रा को प्रदर्शित करने के लिए राज्य के प्रमुख विभागों द्वारा 51 कार्यक्रम आयोजित करने की योेजना बनाई थी, लेकिन कोरोना महामारी के कारण यह सम्भव नहीं हो पाया। अब प्रदेश सरकार ने राज्य की विकासात्मक यात्रा को प्रदर्शित करने के लिए स्वर्णिम हिमाचल रथ यात्रा आयोजित करने की योजना बनाई है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि पिछले 50 वर्षों की उपलब्धियों के लिखित दस्तावेज बनाए जाने चाहिए ताकि आने वाली पीढि़यों को राज्य की इस महत्वपूर्ण यात्रा की जानकारी प्राप्त करने का अवसर मिल सके। उन्होंने राज्य के लोगों से हिमाचल को देश का सबसे विकसित राज्य बनाने के लिए प्रदेश सरकार को पूर्ण सहयोग और समर्थन देने का भी आग्रह किया।

मुख्यमंत्री ने प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्रियों स्वर्गीय डाॅ. यशवन्त सिंह परमार, राम लाल ठाकुर और वीरभद्र सिंह को श्रद्धांजलि अर्पित की। उन्होंने प्रदेश के विकास में महत्वपूर्ण योगदान के लिए पूर्व मुख्यमंत्रियों शांता कुमार और प्रो. प्रेम कुमार धूमल का भी आभार व्यक्त किया।

केन्द्रीय सूचना एवं प्रसारण, युवा कार्य एवं खेल मंत्री अनुराग सिंह ठाकुर ने प्रदेश विधानसभा के सभी वर्तमान और पूर्व सदस्यों के योगदान की सराहना की। उन्होंने दूरदर्शन के अधिकारियों को प्रदेश के 50 वर्षों के गौरवशाली इतिहास पर डॉक्यूमेंट्री तैयार करने को कहा।

नेता प्रतिपक्ष मुकेश अग्निहोत्री ने कहा कि प्रदेश को अलग पहचान और आकार प्रदान करने में प्रदेश के पहले मुख्यमंत्री डाॅ. यशवन्त सिंह परमार की महत्वपूर्ण भूमिका रही है, जिससे राज्य के सभी लोगों को स्वयं की पहचान बनाने का अवसर प्राप्त हुआ। उन्होंने कहा कि हिमाचल को प्रगति और समृद्धि के पथ पर आगे बढ़ाने में इसके पश्चात के सभी मुख्यमंत्रियों का भी अमूल्य योगदान रहा है।

संसदीय कार्य मामले मंत्री सुरेश भारद्वाज ने कहा कि हिमाचल प्रदेश 25 जनवरी, 1971 को भारतीय संघ के 18वंे राज्य के रूप में अस्तित्व में आया। उन्होंने कहा कि तब से राज्य ने सभी क्षेत्रों में अभूतपूर्व विकास किया है।

इस अवसर पर प्रदेश विधानसभा अध्यक्ष विपिन सिंह परमार ने मुख्यमंत्री और अन्य गणमान्य व्यक्तियों का स्वागत किया। उन्होंने कहा कि हिमाचल प्रदेश ने पिछले 50 वर्षों के दौरान विकास के सभी क्षेत्रों में नए आयाम स्थापित किए हैं। उन्होंने कहा कि लगभग 100 वर्ष पूर्व इसी गरिमामयी सदन में पीठासीन अधिकारियों का सम्मेलन आयोजित हुआ था जो वास्तव में प्रदेश के लोगों के लिए गर्व का क्षण था।

विधानसभा उपाध्यक्ष हंसराज ने धन्यवाद प्रस्ताव प्रस्तुत किया।

मंत्रिगण, सांसदों, विधायकों, पूर्व सांसदों और पूर्व विधायक इस अवसर पर उपस्थित थे।

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