प्रर्दशन के बाद कार्यकर्ताओं सहित भूख हड़ताल पर बैठे प्रदेशाध्यक्ष छत्तर ठाकुर
कुलसचिव के माध्यम से राज्यपाल को सौंपा मांगपत्र
शिमला।
हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय के कुलपति के सेवाविस्तार को रद्द करने की मांग को लेकर एनएसयूआई ने विवि परिसर के पिंकपेटल में उग्र प्रदर्शन व नारेबाजी की। इसके बाद प्रदेशाध्यक्ष छत्तर ठाकुर कुलपति के सेवाविस्तार को रद्द करवाने सहित छात्रों की विभिन्न मांगों को लेकर भूख हड़ताल पर बैठ गए। छत्तर ठाकुर ने कुलपति पर आरोप लगाते हुए कहा कि उन्होंने भूख हड़ताल पर बैठे एनएसयूआई छात्रों को हटाने के लिए पुलिस सुरक्षाकर्मियों द्वारा बलप्रयोग करवाकर तानाशाही का एक बार फिर से परिचय दिया है। भूख हड़ताल पर प्रदेशाध्यक्ष सहित योगेश यादव, रजत भारद्वाज पोंटू और अभय रायजादा बैठे। इससे पूर्व मांगों को लेकर एनएसयूआई विवि इकाई ने वीनू मेहता व परवीन मिन्हास की अगवाई में कुलसचिव में माध्यम से राज्यपाल को ज्ञापन सौंपा।
ये हैं मुख्य मांगे:
1) कुलपति का सेवा विस्तार रद्द किया जाए।
2) शिक्षक भर्ती घोटाले की न्यायिक जांच की जाए।
3) छात्रों के लिए विश्वविद्यालय, हॉस्टल और पुस्तकालय का 24 घण्टे वाले सेक्शन को खोला जाए।
4) UG और PG के परीक्षा परिणाम घोषित किये जाए। और पिछले परीक्षा परिणामों में अनियमितताओं को सुधारा जाए।
5) ERP सिस्टम की खामियों को दूर किया जाए।
6) RUSA (UG) 2015 व उसके बाद के सभी सत्रों के छात्रों के लिए Internal Assesment Portal खोला जाए।
7) कोरोना काल मे राहत के तौर पर छात्रों की छह महीनों की फीस माफ़ की जाए।
8) शोधकर्ताओं को विश्वविद्यालय की तर्ज पर छात्रवृत्ति दी जाए।
प्रदेशाध्यक्ष छत्तर ठाकुर ने वीसी सिकंदर कुमार पर विश्वविद्यालय का भगवाकरण करने व शिक्षक भर्ती में नियमों के विरुद्ध बैकडोर से अपने चहेतों को भर्ती करवाने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कुलपति बनने से पूर्व सिकंदर कुमार बीजेपी के एक मोर्चे में प्रदेशाध्यक्ष पद पर कार्य कर रहे थे जो कि विवि के अध्यादेश की सरेआम अवहेलना है।
छत्तर ठाकुर ने चेताया कि अगर सरकार छात्रों की मांगों को पूरा नहीं करती तो ऐसे में छात्रों के उग्र आंदोलन के लिए तैयार रहें।