शिमला
हिमाचल प्रदेश सरकार की पहली कैबिनेट में कर्मचारियों की पुरानी पेंशन को बहाल करने की स्वीकृति पर अराजपत्रित कर्मचारी महासंघ ने मुख्यमंत्री व समस्त कैबिनेट का आभार प्रकट किया है। जलशक्ति विभाग अराजपत्रित कर्मचारी महासंघ के प्रदेशाध्यक्ष एल ड़ी चौहान ने कहा कि वर्ष 2015 से प्रदेश में पुरानी पेंशन बहाली का अलख हम 3-4 लोगों द्वारा फ्रंट में आकर हर क्षेत्र में जगाया गया था, उस वक्त कर्मचारी इस मुद्दे से पूर्णतया परिचित नही थे तथा मुहिम में जुड़ने से कतराते थे। चौहान ने कहा कि OPS बहाली की मुहिम के लिए उन्होंने संगठन की हर गतिविधि के लिए 3 वर्ष तक मुख्यस्लाहकार कि भूमिका निभाई तथा हर जिले के कर्मचारियों को जोड़कर इस सँघर्ष की चिंगारी को 25 जुलाई 2017 की सचिवालय रैल्ली के रूप में फ्रंट पर ऑर्गेनाइज करते हुए ज्वाला का रूप देने की महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी तथा सँघर्ष रूपी इस भवन को मजबूत पिलरों पर खड़ा कर दिया था। वर्ष 2017 के उपरांत प्रदेश का हर कर्मचारी अपनी इस एकमात्र मांग को लेकर जागरूक हो चुका था तथा लगातार मुहिम का तन-मन व धन से साथ देते रहे। प्रदेश में पेंशन बहाली के लिए बने एकमात्र संगठन जिसकी नींव 2015 में रखी गयी थी उसके साथ-साथ अन्य कर्मचारी संगठन भी अपने-अपने स्तर पर संघर्षरत रहे बेशक 2015 से गठित संगठन जबरदस्त सँघर्ष के साथ क्रियाशील रहा और उसी के परिणाम स्वरूप आज मुख्यमंत्री सुक्खू ने 2015 से शुरू किए गए सँघर्ष पर विराम लगाते हुए पेंशन बहाली की मांग को पूरा किया जो कि इतिहास में स्वर्ण अक्षरों में लिखा जाएगा बेशक 2015 के बाद प्रदेश में 2 मुख्यमंत्रियों ने नेतृत्व किया है लेकिन कर्मचारियों के दर्द को वर्तमान मुख्यमंत्री ने ही गम्भीरता से लेते हुए सराहनीय निर्णय लिया है। हिमाचल प्रदेश में पेंशन बहाली की जीत के लिए 2015 से सँघर्ष की चिंगारी पैदा करने वाले चंद कर्मियों से लेकर वर्तमान में उस सँघर्ष की चिंगारी को 2017 के बाद ज्वाला बनाने वाले हर नेतृत्व व समस्त कर्मी समान तौर पर बधाई के पात्र है।