भटियात से पांचवीं बार विधायक बने कुलदीप सिंह पठानिया को
हिमाचल प्रदेश विधानसभा का अध्यक्ष चुना गया है। धर्मशाला के तपोवन में शीत सत्र के दूसरे दिन पठानिया को सर्वसम्मति से अध्यक्ष बनाया गया। इस संबंध में सदन में तीन प्रस्ताव रखे गए, जिन्हें सत्ता पक्ष और विपक्ष की सहमति से पारित किया गया। दूसरे दिन सदन की कार्यवाही शांतिपूर्ण तरीके से शुरू हुई। अध्यक्ष के चुनाव के बाद विधायकों ने वक्तव्य भी दिए। दोपहर बाद राज्यपाल का अभिभाषण हुआ और एक अध्यादेश और विधेयक भी सदन के पटल पर रखे गए। सत्र के दूसरे दिन सदन में 11 बजे के बाद तीन प्रस्ताव कुलदीप सिंह पठानिया को विधानसभा अध्यक्ष बनाने के लिए रखे गए।
इस दौरान प्रोटेम स्पीकर चंद्र कुमार ने सदन की कार्यवाही का संचालन किया। प्रस्ताव पारित होने के बाद कुलदीप सिंह पठानिया को सीएम सुक्खू और विपक्ष के नेता जयराम ने आसन पर बिठाया। सुखविंद्र सिंह सुक्खू और जयराम ठाकुर दोनों ने पठानिया को शुभकामनाएं दीं। कुलदीप सिंह पठानिया ने अपना पहला चुनाव वर्ष 1985, दूसरा 1993, तीसरा 2003 और चौथा चुनाव 2007 में जीता थे। कुलदीप सिंह पठानिया ने वर्ष 1985 में वकालत छोड़ अपना राजनीतिक सफर शुरू किया। कांग्रेस के टिकट पर उन्होंने भटियात से पहला चुनाव लड़ा और जीत दर्ज की। 1993 और 2003 में पठानिया ने विधानसभा चुनाव बतौर निर्दलीय प्रत्याशी लड़े और जीते।
दो मर्तबा निर्दलीय चुनाव लड़ने के बावजूद दोनों बार कांग्रेस सरकारों को बिना किसी शर्त के अपना समर्थन दिया। इसके बाद पठानिया 2007 में कांग्रेस के टिकट पर दोबारा चुनाव जीते। वर्ष 2022 का चुनाव भी कांग्रेस के टिकट पर जीता और पांचवीं बार विधानसभा पहुंचे। स्वच्छ छवि और राजनीति के मंझे हुए खिलाड़ी को दोनों पार्टियों के नेताओं ने सर्वसम्मति से 14वीं विधानसभा में बतौर अध्यक्ष पद के लिए मनोनीत किया।