हिमाचल में 75 फीसदी रहा मतदान, दून में सबसे ज्यादा 85.2 फीसदी, शिमल में सबसे कम 62.5 फीसदी रहा

हिमाचल प्रदेश में 68 विधानसभा क्षेत्रों के 412 प्रत्याशियों का भविष्य शनिवार को ईवीएम में कैद हो गया है। राज्य में लोकतंत्र के इस महायज्ञ में आहुति डालने के लिए मतदाता सुबह ही मतदान केंद्रों में पहुंच गए। छिटपुट घटनाओं के बीच इस चुनाव में बंपर वोटिंग देखने को मिली और मतदान करीब 75 प्रतिशत पहुंच गया, हालांकि पिछले चुनाव से कम रहा। अभी बैलेट पेपर से किए गए मतदान की गिनती होनी है, इसलिए मत प्रतिशतता 76 फीसदी से ज्यादा पहुंच सकती है। कई बूथों पर पांच बजे के बाद भी मतदान होता रहा। हालांकि कुछ जगह ईवीएम की खराबी और अन्य कारणों के चलते देर रात तक मतदान चलता रहा।

हिमाचल में सबसे अधिक मतदान दून विधानसभा क्षेत्र में 85.20 प्रतिशत हुआ, जबकि में सबसे कम 62.50 प्रतिशत शिमला शहरी विधानसभा क्षेत्र में रहा। सिरमौर जिला मतदान में अव्वल रहा, जहां 78.00 प्रतिशत मतदान हुआ है और सबसे कम वोट हमीरपुर जिले में 71.18 प्रतिशत पड़े़। राज्य के 7,884 मतदान केंद्रों में सुबह 8 बजे से देर शाम तक वोटिंग होती रही। प्रदेश में कई स्थानों पर ईवीएम के खराब होने की भी सूचना रही, जिससे चुनाव कुछ समय के लिए बाधित रहा।

चुनाव में भाजपा, कांग्रेस, आम आदमी पार्टी (आप), माकपा, बसपा और निर्दलियों समेत 412 उम्मीदवार थे। इनमें 388 पुरुष और 24 महिला प्रत्याशी हैं। प्रदेश में कुल 55,92,828 मतदाताओं में से 28,54,945 पुरुष, 27,37,845 महिलाएं और 38 थर्ड जेंडर के नाम मतदाता सूचियों में शामिल रहे हैं। पहली बार 80 से अधिक उम्र और दिव्यांग वोटरों को अपने घरों से मत डालने की सुविधा दी गई है। इसके बावजूद कई बुजुर्गों और दिव्यांगों ने मतदान केंद्रों में पहुंचकर वोट डाला। मतदान के लिए 157 बूथ महिला और 37 दिव्यांग कर्मियों के हवाले रहे। प्रदेश भर में 136 आदर्श मतदान केंद्र भी बनाए गए थे। 397 अति संवेदनशील और 789 संवेदनशील मतदान केंद्र रहे।

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