हिमाचल प्रदेश समस्त विभाग लिपिकीय वर्ग कर्मचारी महासंघ का एक प्रतिनिधिमंडल राज्यमहासचिव एल ड़ी चौहान की अध्यक्षता में सचिवालय में अतिरिक्त मुख्यसचिव वित्त से मिला तथा एक मांगपत्र उनको सौंपा। प्रतिनिधिमंडल ने मांग रखी कि लिपिक वर्ग सबसे पुरानी पदनाम श्रेणी है जिसको 1996 के वेतन आयोग की सिफारिशों से लेकर आज तक पिछाड़ने की कोशिश की जाती रही है। कहा गया कि जो श्रेणियां 1996 के वेतन आयोग के अनुसार लिपिक से पीछे थी या समान थी वो आज लिपिक से लगभग 7 से 8 हजार ऊपर है, आखिर ऐसा क्या हो गया जो सचिवालय सहित हर विभाग के महत्वपूर्ण कार्य को करने वाली श्रेणी को वेतन में नजरअंदाज किया जाने लगा, जिस वजह से की लिपिक वर्ग में अत्यंत रोष है।
एलडी चौहान ने कहा कि अभी हाल ही में छठे वेतन आयोग के तहत लिपिक को लेवल 3 के अंतर्गत फिक्स किया गया जबकि उनको JOA की तरह लेवल 4 में फिक्स किया जाना था, क्योंकि लिपिकों के पदों को कन्वर्ट करके ही JOA पदनाम जारी किया गया तथा उस पर भर्ती हुई है। उन्होंने कहा कि वर्तमान में लिपिक भी कमीशन पास करके बनते है तथा विभागीय पदोन्नति में भी कंप्यूटर टेस्ट लिया जाता है। इसके अलावा मांग रखी गयी कि लिपिक को 5 साल की नियमित सेवा के उपरांत 3600 ग्रेड पे के आधार पर 38100 में फिक्स किया जाए।
एलडी चौहान ने कहा कि सचिव वित्त ने वेतन विसंगति की बात को मानते हुए आश्वस्त किया कि जल्द इस विसंगति को ठीक कर दिया जाएगा। उन्होंने कहा कि प्रतिनिधिमंडल ने इस मांग को मुख्यसचिव को भी उनके विशेष सचिव के माध्यम से सौंपा, जिस पर जल्द कार्यवाही की उम्मीद है।