भारत की कम्युनिस्ट पार्टी(मार्क्सवादी) ने मोदी सरकार के 8 वर्ष का कार्यकाल पूर्ण होने पर शिमला में हुई रैली पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा कि जनता को निराशा ही हाथ लगी है। माकपा नेता संजय चौहान ने कहा कि इसमें प्रधानमंत्री मोदी द्वारा देश व प्रदेश के लिए कोई भी नई परियोजना की घोषणा नही की गई है। उन्होंने कहा कि आज तक जो भी मोदी सरकार द्वारा वायदे व घोषणाएं की गई है उन्हें भी पूर्ण नहीं किया गया । अतीत में झांके तो 2014 में 8 वर्ष पूर्व बीजेपी ने वायदा किया था कि यदि वह सत्ता में आती है तो 100 दिन में महंगाई कम करेगी, हर वर्ष 2 करोड़ रोजगार के अवसर सृजित करेगी, कृषि संकट को दूर करने के लिए स्वामीनाथन आयोग की सिफारिशों लागू करेगी तथा प्रत्येक फसल को न्यूनतम समर्थन मूल्य(MSP) के दायरे में लाएगी, सेब पर आयात शुल्क 100 प्रतिशत किया जाएगा और इसके अतिरिक्त देशवासियों को कई प्रकार के सपने दिखाए गए थे। परन्तु मोदी सरकार के 8 वर्ष के कार्यकाल में महंगाई, बेरोजगारी व कृषि का संकट चरम पर है। उन्होंने कहा कि मोदी सरकार द्वारा लागू की जा रही नवउदारवादी नीतियों के चलते देश मे महंगाई की दर कई दशकों में सबसे अधिक है, रोजगार समाप्त किया जा रहा है, कृषि क्षेत्र में सरकार द्वारा सब्सिडी कम करने से किसान की लागत कीमत में कई गुना वृद्धि हो गई है और उसको उसके उत्पाद का उचित मूल्य नही मिल रहा है। जिससे कृषि का संकट और अधिक बढ़ा है। पूंजीपतियों को फायदा देने के लिए श्रम कानूनों में बदलाव कर मजदूरों के अधिकारों पर हमला किया जा रहा है और उनका शोषण बड़ा है। देश के सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों को चेहते कॉरपोरेट घरानों को कौड़ियों के भाव मे बेचा जा रहा है। इन नीतियों के कारण देश मे अमीर और अमीर व गरीब और गरीब हो रहा है और एक और देश मे अरबपतियों की संख्या बढ़ रही है दूसरी और मजदूर, किसान व आम जनता का रोजी रोटी का संकट बढ़ रहा है।
माकपा ने देश व प्रदेश की जनता से आह्वान किया है कि मोदी सरकार द्वारा लागू की जा रही जनविरोधी नवउदारवादी नीतियों को पलटने के लिए आंदोलन करे ताकि देश मे बढ़ती महंगाई, बेरोजगारी व कृषि संकट से निजात पाई जा सके।