शिमला की वादियों में गूंजा मानवता का संदेश, चौड़ा मैदान के पीटर हॉफ में हुआ विशाल निरंकारी संत समागम

 

‘‘मनुष्य में जब मानवीय गुणों का समावेश हो जाता है तब ही वह सही अर्थों में मानव कहलाता है।“ यह प्रतिपादन सत्गुरू माता सुदीक्षा जी महाराज द्वारा आज चौड़ा मैदान के पीटर ऑफ, शिमला में आयोजित एक विशाल निरंकारी संत समागम में व्यक्त किये गए।

सत्गुरू माता जी ने अपने पावन प्रवचनों में कहा कि जब हमें यह बोध हो जाता है की हमारी आत्मा इस परमपिता परमात्मा का ही अंश है तब एक को जानने की अवस्था हमारे जीवन में सहज ही आ जाती है। फिर प्रतिपल इस परमात्मा का सहारा लेते हुए जीवन को सरल रूप में जीया जा सकता है और उसके उपरांत जब आत्मा का इस परमात्मा से मिलन हो जाता है तब जीवन का हर पल ही आंनदित हो जाता है।

सत्गुरू माता जी ने भक्ति की अवस्था का ज़िक्र करते हुए बताया कि जिस प्रकार एक विद्यार्थी केवल अपने विद्यालय तक ही विद्यार्थी नहीं कहलाता, अपितु स्कूल के बाहर भी वह विद्यार्थी ही रहता है। ठीक उसी प्रकार से सेवा, सत्संग सुमिरण करते हुए संत का जीवन भक्तिमय हो जाता है तब वह केवल कुछ क्षणों के लिए नहीं अपितु हर पल ही भक्त कहलाता है। फिर वह सभी से समान रूप में प्रेम करते हुए समदृष्टि वाला भाव ही अपनाता है और यह अवस्था केवल ब्रह्मज्ञान द्वारा ही प्राप्त हो सकती है।

राजा जनक एवं शबरी का उदाहरण देते हुए सत्गुरू माता जी ने बताया कि दोनों की अवस्था भक्त वाली ही थी और दोनों को यह ज्ञात था कि दुनियावी वस्तुएं तो केवल गुजरान मात्र है वास्तिवक भक्ति तो इस परमपिता परमात्मा से जुड़कर ही संभव है। जिस प्रकार शक्कर पानी में घुलते ही अपना अस्तित्व खोकर पानी ही बन जाती है। वहीं दूसरी ओर पानी में पड़ा हुआ पत्थर अपने अस्तित्व में चूर होकर उससे इकमिक नहीं हो पाता। ठीक उसी प्रकार से एक भक्त की भी ऐसी ही अवस्था होती है जब भक्त समर्पित होकर निरंकारमयी हो जाता है तब उसे हर किसी में परमात्मा के ही दर्शन होते है और मन से लालच, ईर्ष्या, द्वेष, अहंकार जैसे दुष्प्रभाव के स्थान पर सभी के प्रति सेवा का भाव ही रहता है। अंत में समस्त संतों के लिए सत्गुरू माता जी ने सुखमय एवं मंगलमय होने की कामना करी।

कैप्टन एन‐ पी‐ एस‐ भुल्लर ने शिमला के जोनल इंचार्ज श्रीमती रजवंत कौर की ओर से सत्गुरु माता जी का स्वागत किया एवं हृदय से उनका आभार प्रकट करते हुए कहा कि आपके प्रस्थान के उपरांत से ही आपके पुनः आगमन की प्रतीक्षा रहेगी और साथ ही हिमाचल सरकार एवं माननीय मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर का सहयोग के लिए धन्यवाद भी किया। हिमाचल सरकार द्वारा सत्गुरू माता सुदीक्षा जी महाराज को राजकीय अतिथि के रूप में भी सम्मानित किया गया। जनजातिय क्षेत्र किन्नौर एवं कल्पा तक से भी सभी श्रृ़द्धालु भक्त अपनी पारंपरिक वेशभूषा से सुसज्जित होकर इस संत समागम में सम्मिलित हुए और सत्गुरु माता जी के पावन प्रवचनों एवं उनके दिव्य दर्शनों द्वारा स्वयं को निहाल किया।

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