एसएफआई ने अखिल भारतीय कमेटी के आह्वान पर लगभग 2 वर्षो से लंबित पड़ी सेना भर्ती को बहाल करने के लिए शिमला ज़िला उपायुक्त कार्यालय के बाहर प्रदर्शन किया ।
एसएफआई के राज्य सचिव अमित ठाकुर ने कहा कि भारतीय सेना को सैनिकों के एक नए बैच को लेने के लिए किसी भी भर्ती रैली का आयोजन किए दो साल से अधिक समय हो गया है, जबकि सेना से सेवानिर्वित होने वाले सैनिकों की संख्या में कमी नहीं हुई है, जैसा कि रक्षा मंत्रालय द्वारा सूचित किया गया है। बड़ी संख्या में छात्र और युवा उम्मीदवार अपने देश की सेवा करने और एक स्थिर करियर बनाने के लिए भारतीय सेना में नौकरी की तलाश करते हैं। लेकिन भर्ती रैलियों के बंद होने से कई वर्षों से भर्ती परीक्षा और शारीरिक परीक्षण की तैयारी कर रहे इन उम्मीदवारों के सामने गंभीर संकट पैदा हो गया है क्योंकि इनमें से कुछ मेहनती उम्मीदवार जो 2020-2021 की भर्ती रैलियों के लिए प्रशिक्षण ले रहे थे, वे भी अब ओवरएज हो गए हैं।
उन्होंने कहा कि भारतीय सेना, राष्ट्र की संप्रभुता की रक्षा के लिए एक प्रतिष्ठित संस्थान होने के अलावा, हर साल लाखों देशप्रेमि उम्मीदवारों को रोजगार प्रदान करने का एक माध्यम है, जिन्होंने हमेशा सेना में शामिल होने की योजना बनाई है। भर्ती रैलियों के आयोजन में विफलता न केवल भारतीय सेना के संचालन के लिए एक जोखिम है, बल्कि इन छात्रों और युवा उम्मीदवारों के लिए भी बेहद अनुचित है, जिन्होंने वर्षों से तैयारी की है और रोजगार की तलाश कर रहे हैं।
उन्होंने कहा कि
स्टूडेंट्स फेडरेशन ऑफ इंडिया समयबद्ध तरीके से भर्ती रैलियों का आयोजन करने में केंद्र सरकार के इस कुप्रबंधन की निंदा करता है। वहींं अगर प्रदेश की बात करें तो प्रदेश में भी बेरोजगारी चरम सीमा पर है जिसका असर पुलिस की भर्ती रिश्वतखोरी के रूप में सामने आ रही है। युवा नौकरी पाने के लिए हर कीमत देने को तैयार बैठा है । जैसे पुलिस का पेपर लीक वैसे ही जे. ओ.आई .टी पेपर रद्द व अन्य पद निकल भी रहे हैं तो उनमे सरकार द्वारा धांधलियां की जा रही है। उन्होंने आरोप लगाया कि सरकार अपने पिछलग्गूओ को भर्ती कर रही है ताकि भविष्य में उनसे फायदा लिया जाये और लोगों आंकड़ों मे यह दिखाया जाये के रोजगार दिया गया है । छात्र संघ एस. एफ. आई. देश और प्रदेश सरकार की नाकामियों की कड़ी निंदा करता है और निम्नलिखित मांगों को भी उठाना चाहता है:
1. केंद्र सरकार और रक्षा मंत्रालय को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि सैना भर्ती रैलियां बिना किसी देरी के होनी चाहिए और प्रक्रिया को समय पर पूरा किया जाना चाहिए।
2. उन सभी छात्रों और युवा उम्मीदवारों को जो वर्ष 2020 और 2021 में भर्ती होने के योग्य थे, उन्हें कम से कम दो वर्ष की आयु छूट दी जानी चाहिए।
3. भारतीय सेना और अन्य रक्षा सेवाओं में सभी रिक्तियों और आवश्यकताओं को तुरंत भरा जाए।
इन मांगों के साथ, एसएफआई उन सभी छात्रों और युवा उम्मीदवारों के साथ अपनी एकजुटता जाहिर करती है, जो कुप्रबंधन और भर्ती प्रक्रियाओं को उचित रूप से नहीं चलाने के लिए रक्षा मंत्रालय की गंभीरता की कमी के कारण विभिन्न प्रकार की समस्याओं से जूझ रहे हैं।
एसएफआई व नोजवान सभा ने आज प्रदेश भर में रोष–प्रदर्शन कर पुरजोर मांग की है कि केंद्र सरकार इस मुद्दे पर तत्काल संज्ञान ले और उपरोक्त मांगों को पूरा करे।