एसजेवीएन ने नेपाल में 490 मेगावाट अरुण-4 की एक और जलविद्युत परियोजना हासिल की






नेपाल में 490 मेगावाट अरुण-4 जलविद्युत परियोजना के विकास के लिए एक समझौता ज्ञापन (एमओयू) भारत के प्रधान मंत्री नरेन्द्र मोदी तथा नेपाल के प्रधानमंत्री शेर बहादुर देउबा की उपस्थिति में लुंबिनी में साइन किया गया है। इस ऐतिहासिक समझौता ज्ञापन पर एसजेवीएन के अध्यक्ष एवं प्रबंध निदेशक नन्द लाल शर्मा तथा नेपाल विद्युत प्राधिकरण (एनईए) के प्रबंध निदेशक कुलमन घीसिंग ने हस्ताक्षर किए।

इस अवसर पर बोलते हुए नन्द लाल शर्मा ने कहा कि 490 मेगावाट, अरुण-4 जल विद्युत परियोजना एसजेवीएन और नेपाल विद्युत प्राधिकरण (एनईए) द्वारा संयुक्त उद्यम (जेवी) के रूप में विकसित की जाएगी। इस संयुक्त उद्यम में एसजेवीएन की बहुमत हिस्सेदारी होगी । अरुण-3 एचईपी के अपस्ट्रीम में इस परियोजना का निर्माण इस संयुक्त उद्यम द्वारा किया जाएगा, जिसके पूरा होने पर प्रति वर्ष लगभग 2100 मिलियन यूनिट ऊर्जा का उत्पादन होगा। नेपाल के संखुवासभा जिला प्रांत-1 में स्थित इस परियोजना की अनुमानित विकास लागत 4900 करोड़ रुपये है।

नन्द लाल शर्मा ने आगे इस बात पर जोर देते हुए कहा कि इस समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर बिजली क्षेत्र में भारत-नेपाल संयुक्त विजन को प्राप्त करने की दिशा में एक ऐतिहासिक मील का पत्थर साबित होगा।

उन्होंने बताया कि यह एसजेवीएन द्वारा नेपाल में निर्मित होने वाली तीसरी मेगा परियोजना होगी। इसके अलावा पहले से निर्माणाधीन 900 मेगावाट अरुण-3 और 669 मेगावाट लोअर अरुण की परियोजना सर्वेक्षण और जांच के चरण में है। इस समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर के साथ एसजेवीएन के पास अब नेपाल में कुल 2059 मेगावाट की तीन परियोजनाएं हैं। उन्होंने 2030 तक नेपाल में 5000 मेगावाट की परियोजनाओं को लक्षित करने संबंधी एसजेवीएन के अपने संकल्प को दोहराया।

एकीकृत नदी बेसिन विकास दृष्टिकोण की मौ‍लिक अवधारणा नन्द लाल शर्मा की है, जिसकी वकालत वह लंबे समय से करते आए हैं । नन्द लाल शर्मा ने लंबे समय से विभिन्न राष्ट्रीय/अंतर्राष्ट्रीय मंचों पर अपने इस दृष्टिकोण का पालन करने पर जोर दिया था। परिणामस्वरूप नेपाल में भी जलविद्युत परियोजनाओं के आबंटन के दौरान एक डेवलपर को एकल नदी बेसिन में आबंटित किया गया । यह दृष्टिकोण जनशक्ति बुनियादी ढांचे और वित्तीय संसाधनों के इष्टतम उपयोग को सक्षम बनाता है। उन्होंने संतोष व्यक्त किया कि इस नवीन अवधारणा को नेपाल सरकार के साथ-साथ भारत में भी हिमाचल प्रदेश और अरुणाचल प्रदेश की राज्य सरकारों द्वारा स्वीकार किया गया है।
नन्द लाल शर्मा ने आगे कहा कि नेपाल में एसजेवीएन द्वारा विकसित की जा रही परियोजनाओं से समग्र विकास होगा और भारत और नेपाल में पारस्परिक आर्थिक विकास को बढ़ावा मिलेगा। उन्होंने कहा कि इन परियोजना गतिविधियों से संबंधित ढांचागत विकास क्षेत्र का समग्र सामाजिक-आर्थिक विकास भी सुनिश्चित होगा। नेपाल में इन तीन जलविद्युत परियोजनाओं के अलावा एसजेवीएन बिजली की निकासी के लिए 217 किमी 400 केवी के संबद्ध पारेषण प्रणाली का निर्माण भी कर रहा है।
नन्द लाल शर्मा ने कहा कि “लगभग 31500 मेगावाट के कुल पोर्टफोलियो के साथ एसजेवीएन के पास अब संचालन और विकास के विभिन्न चरणों के तहत 30 गीगावाट से अधिक क्षमता की विद्युत परियोजनाएं हैं। नई परियोजनाओं के क्षेत्र में ये वर्तमान अतिरिक्त एडिशन ही कंपनी को वर्ष 2023 तक 5000 मेगावाट, 2030 तक 25000 मेगावाट और वर्ष 2040 तक 50000 मेगावाट की स्थापित क्षमता को साकार करने की दिशा में ले जा रहा है।
नंद लाल शर्मा ने एसजेवीएन पर अपना विश्वास व्यक्त करने और अरुण 4 एचईपी के विकास कर्त्ता पर विचार करने के लिए दोनों राष्ट्रों के प्रधानमंत्रियों, विद्युत मंत्रालय और विदेश मंत्रालय , नेपाल में भारतीय दूतावास के प्रति अपना आभार व्यक्त किया।



Related posts

Leave a Comment