पंडित सुखराम का मंगलवार रात को निधन हो गया है। 95 वर्षीय पंडित सुखराम ने दिल्ली में स्थित एम्म में अंतिम सांस ली। उनके निधन से पूरे प्रदेश भर में शोक की लहर है। इससे पहले 5 मई को पंडित सुखराम को ब्रेन स्ट्रोक हुआ था। उनको क्षेत्रीय अस्पताल मंडी दाखिल करवाया गया था। अस्पताल में उनकी तबीयत में थाेड़ा सुधार होने के बाद 7 मई की सुबह पूर्व केंद्रीय मंत्री पंडित सुखराम को एयरलिफ्ट कर दिल्ली के एम्स ले जाया गया । इसके लिए मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने सरकारी हैलीकॉप्टर उपलब्ध करवाया था। एम्स में पंडित सुखराम का आईसीयू में डाक्टरों की निगरानी में उपचार शुरू हुआ था। इसके बाद 9 मई को भी पंडित सुखराम को दिल का दौरा पड़ा था। उनकी हालत नाजुक बनी हुई थी। डाक्टरों ने उन्हें वेंटिलेटर पर शिफ्ट कर दिया था। इस बीच रात को उनका निधन हो गया। पोते आश्रय ने दादा के निधन की सूचना फेसबुक पेज पर अपना बचपन का फोटो शेयर करने के साथ दी है।
बता दें कि 1998 के हिमाचल विधानसभा चुनाव पंडित सुखराम ने कांग्रेस से अलग होकर हिमाचल विकास कांग्रेस पार्टी (हिविकां) बना कर लड़ा था। इस चुनाव में भाजपा और कांग्रेस किसी को बहुमत नहीं मिला, जबकि हिविकां ने उस वक्त के चुनाव में 4 सीटें जीती थीं। पंडित सुखराम ने अपने 4 विधायकों के साथ भाजपा को समर्थन दिया था। इस समर्थन से भाजपा की सरकार बनी। बाद में जून में लाहौल-स्पीति की सीट पर जब चुनाव हुए तो हिमाचल विकास कांग्रेस ने यह सीट भी जीती। तब इस सीट से जीते रामलाल मारकंडा वर्तमान में मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर की सरकार में मंत्री हैं।
1991 में केंद्र सरकार में मंत्री बने थे सुख राम
1991 में जब दिल्ली में नरसिम्हा राव सरकार थी तो उस सरकार में पंडित सुखराम दूरसंचार मंत्री थे। 1996 में संचार घोटाले में नाम आने के कारण मंत्री पद से उनको इस्तीफा देना पड़ा था। इससे पहले 1985 से 1989 के बीच स्वर्गीय राजीव गांधी की सरकार में भी पंडित सुखराम मंत्री रहे थे।