एसजेवीएन ने अपनी पहली पवन-सौर हाइब्रिड परियोजना हासिल की



एसजेवीएन ने सोलर एनर्जी कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया लिमिटेड (एसईसीआई) द्वारा जारी एक निविदा के माध्यम से अपनी पहली 30 मेगावाट की पवन-सौर हाइब्रिड परियोजना हासिल की है। परियोजना को टैरिफ आधारित प्रतिस्पर्धी बोली प्रक्रिया में बिल्ड ओन और ऑपरेट आधार पर @ 2.54 / यूनिट की दर से हासिल किया गया ।
एसजेवीएन के अध्यक्ष एवं प्रबंध निदेशक नन्‍द लाल शर्मा ने बताया कि परियोजना के निर्माण और विकास की अनुमानित लागत 195 करोड़ रुपए है। यह परियोजना पहले वर्ष में 79 मि.यू. और 25 वर्षों की अवधि में लगभग 1860 मि.यू. का विद्युत उत्‍पादन करेगी। एसईसीआई और एसजेवीएन के मध्‍य 25 वर्षों के लिए विद्युत खरीद करार (पीपीए) हस्ताक्षरित किया जाएगा। पीपीए पर हस्ताक्षर करने की तिथि से 18 माह की अवधि के भीतर परियोजना को कमीशन किया जाएगा।
नन्‍द लाल शर्मा ने कहा कि, “यह हाइब्रिड नवीकरणीय परियोजना विकसित करने में एसजेवीएन का पहला प्रयास है। इसके साथ कंपनी ने देश में सबसे तीव्रता से उभरते व्यवहार्य नवीकरणीय ऊर्जा विकल्प में प्रवेश किया है। इस परियोजना की कमीशनिंग से 90993 टन कार्बन उत्सर्जन में कमी आने की संभावना है और यह वर्ष 2070 तक भारत सरकार के नेट जीरो कार्बन उत्सर्जन के मिशन में सहायक होगा।‘’

एसजेवीएन ने वर्ष 2030 तक गैर-जीवाश्म ईंधन स्रोतों से 500 गीगावॉट स्थापित क्षमता हासिल करने की भारत सरकार की प्रतिबद्धता की पूर्ति के लिए नवीकरणीय ऊर्जा के दोहन की एक तीव्र गति से यात्रा आरंभ की है। कंपनी का लगातार बढ़ता पोर्टफोलियो जो वर्तमान में लगभग 31000 मेगावाट है, ने एसजेवीएन के वर्ष 2023 तक 5000 मेगावाट, 2030 तक 25000 मेगावाट और वर्ष 2040 तक 50000 मेगावाट स्थापित क्षमता के नए साझा विजन को गति प्रदान की है।

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