मुख्य सचिव ने सूखे की स्थिति एवं अन्य विकासात्मक कार्यों की समीक्षा की
मुख्य सचिव राम सुभग सिंह ने कहा कि ‘कैच द रेन’ कार्यक्रम के अन्तर्गत प्रदेश के सभी जिलों में प्राथमिकता के आधार पर 75-75 अमृत सरोवर बनाए जा रहे हैं, ताकि प्राकृतिक जल स्त्रोतों को रिचार्ज कर भू-जल के स्तर को सुदृढ़ किया जा सके।
मुुख्य सचिव प्रदेश में उत्पन्न सूखे की स्थिति व राज्य में चल रही विभिन्न विकासात्मक गतिविधियों की समीक्षा के लिए आयोजित बैठक की अध्यक्षता कर रहे थे। बैठक में राज्य के सभी जिला उपायुक्तों ने भी वर्चुअल माध्यम से भाग लिया।
उन्होंने कहा कि लोगों को जल संरक्षण के प्रति जागरूक करने के दृष्टिगत इसे आजादी का अमृत महोत्सव के साथ जोड़ा गया है। जिलों में बनाए जाने वाले इन अमृत सरोवरों पर 15 अगस्त को क्षेत्र के 75 वर्ष से अधिक आयु के वरिष्ठजन अथवा किसी शहीद के परिजन द्वारा तिरंगा फहराया जाएगा। उन्होंने सभी जिला उपायुक्तों को निर्देश दिए कि इस कार्य को प्राथमिकता देते हुए सभी जिलों में अमृत सरोवरों के नए स्ट्रक्चर बनाए जाएं और वहां तिरंगा फहराने की भी पर्याप्त व्यवस्था सुनिश्चित की जाए।
उन्होंने सभी जिला उपायुक्तों को प्राकृतिक जल स्त्रोतों, बावड़ियों आदि का जीर्णोंद्वार व साफ-सफाई और जिओ टेगिंग प्राथमिकता के आधार पर करने के निर्देश दिए ताकि प्राकृतिक जल स्त्रोतों का संरक्षण किया जा सके।
मुख्य सचिव ने सभी जिला उपायुक्तों को सूखे की स्थिति से निपटने के लिए आवश्यकतानुसार हर संभव कदम उठाने के निर्देश दिए। उन्होंने जल शक्ति विभाग के अधिकारियों को पेयजल की समस्या के समाधान के लिए पेयजल योजनाओं को इंटरलिंक करने, पेयजल योजनाओं के स्त्रोतों को रिचार्ज करने के लिए आवश्यकतानुसार कदम उठाने और हैंडपंप इत्यादि के माध्यम से उचित मात्रा में पेयजल उपलब्ध करवाने के निर्देश दिए।
उन्होंने कृषि विभाग के अधिकारियों को निर्देश दिए कि यदि कहीं पर पशुओं के चारे की समस्या सामने आती है, तो उसके लिए भी तूड़ी इत्यादि की व्यवस्था करने के संबंध में योजना तैयार की जाए ताकि आवश्यकता होने पर चारे की शीघ्र व्यवस्था की जा सके। मुख्य सचिव ने सूखे से फसलों को हुए नुकसान की भी समीक्षा की।