एसजेवीएन के अध्यक्ष एवं प्रबंध निदेशक नन्‍द लाल शर्मा ने मोरी, उत्तराखंड मेंस्टील ट्रस ब्रिज का उद्घाटन किया

एसजेवीएन के अध्यक्ष एवं प्रबंध निदेशक  नन्‍द लाल शर्मा ने 60 मेगावाट की नैटवाड़ मोरी, उत्तराखंड में डबल लाने स्टील ब्रिज का उद्घाटन किया। इस अवसर पर विशाल जनसमूह को संबोधित करते हुए श नन्‍द लाल शर्मा ने कहा कि  “लगभग 3 करोड़ रुपए की लागत से टोंस नदी पर बनाया जा रहा यह 70 मीटर लंबा और 6 मीटर चौड़ा पुल बड़े पैमाने पर स्थानीय जनसमुदाय के लिए लाभकारी होगा। यह गांव बैनोल, नैटवाड़ और मोरी के मध्‍य बेहतर संपर्क सुविधा प्रदान करेगा और नैटवाड़ मोरी जलविद्युत परियोजना की गतिविधियों के लिए भी सहायक सिद्ध होगा। इस अवसर पर श एस. के. सिंह, परियोजना प्रमुख, एनएमएचईपी के साथ एसजेवीएन के अन्य अधिकारी भी उपस्थित थे।

नैटवाड़ मोरी परियोजना स्थल के दौरे के दौरान नन्‍द लाल शर्मा ने पावर इंटेक स्ट्रक्चर के कंक्रीटिंग कार्यों और यूनिट-II के बॉक्सिंग अप के लिए जेनरेटर असेंबली कार्यों को आरंभ करने का उद्घाटन किया।  यूनिट-I का बॉक्सिंग अप कार्य पहले से ही प्रगति पर है। शर्मा ने कुल 111 टावरों वाली 37 कि.मी. लंबी 220 केवी ट्रांसमिशन लाइन के निर्माण कार्य का उद्घाटन भी किया। एसजेवीएन बैनोल से स्नेल तक नैटवाड़ मोरी एचईपी से विद्युत निकासी के लिए ट्रांसमिशन लाइन का निर्माण कर रहा है। उन्होंने कर्मचारियों से परियोजना को जल्द पूरा करने के लिए एकजुट हो कर अधिक प्रयास करने का आह्वान किया।

शर्मा ने कहा कि “हम वर्तमान वित्तीय वर्ष में परियोजना को कमीशन करने के लिए प्रतिबद्ध हैं। यह हमारी क्षमता वृद्धि की यात्रा में एक महत्वपूर्ण माईलस्‍टोन होगा और वर्ष 2023 तक 5000 मेगावाट स्थापित क्षमता, 2030 तक 25000 मेगावाट और वर्ष 2040 तक 50000 मेगावाट के हमारे विजन को प्राप्त करने में हमारी सहायता करेगा।‘’

शर्मा ने कहा कि नैटवाड़ मोरी जलविद्युत परियोजना संरचनात्‍मक और सामुदायिक विकास, निवेश, बेहतर शैक्षिक और स्वास्थ्य देखभाल सुविधाओं, प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रोजगार के अवसरों तथा स्थानीय व्यवसायों को बढ़ावा देकर क्षेत्र एवं उत्तराखंड राज्य के समग्र विकास की ओर अग्रसर है।  एसजेवीएन द्वारा परियोजना के आसपास कारपोरेट सामाजिक उत्तरदायित्व के तहत किए जा रहे विभिन्न विकास कार्यों से इस क्षेत्र को लाभ मिल रहा है।

बता दें कि वर्तमान में, एसजेवीएन के पास 16900 मेगावाट से अधिक का पोर्टफोलियो है और यह भारत, नेपाल और भूटान में हाइड्रो, थर्मल और सोलर में कई परियोजनाओं को कार्यान्वित कर रहा है। कंपनी ने पावर ट्रांसमिशन और पावर ट्रेडिंग में भी विविधीकरण किया है।

         

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