नगर निगम शिमला का 224.14 करोड़ बजट पेश, न कोई नया कर न कोई नई योजना

भाजपा शासित नगर निगम शिमला का 2022-23 का वार्षिक बजट पेश किया गया। मेयर सत्या कोंडल द्वारा निगम शिमला का इस बार 224.14 करोड़ का बजट पेश किया गया है जो अनुमानित आय से करीब 15. 99 लाख रुपए ज्यादा है।

मेयर सत्या कौंडल का यह अपने कार्यकाल का तीसरा वार्षिक बजट है। हालांकि बजट में कई नया टैक्स नहीं लगाया गया है, मगर लेकिन शहर के लिए कोई नई योजना की घोषणा भी बजट में नहीं की है। नगर निगम के वार्षिक बजट में स्मार्ट सिटी और अम्रुत योजनाओं का ही जिक्र किया गया है। बजट में शहर में बिजली की तारें भूमिगत करने, स्मार्ट प्रवेश द्वार,बाहरी राज्यों से आने वाले वाहनों पर ग्रीन शुल्क वसूलने, सीसीटीवी कैमरे स्थापित करना जैसी घोषणाएं की गई हैं।
बजट में रजिस्ट्रेशन एप्प शुरू करने,डिजिटल लाइब्रेरी बनाने, कर्मचारियों की सर्विस बुक ऑनलाईन करने, नगर निगम में खाली पद भरने,स्लॉटर हॉउस के मॉर्डनाइजेशन,रानी झांसी पार्क में लैब बनाने जैसी घोषणाएं की गई हैं। नगर निगम की आय बढ़ाने के लिए बजट में शहर में फ़िल्म शुटिंग से आय जुटाने,पार्किंग की खुली बोली लगाने, 10 पार्किग आबंटित करने की बात कही गई है।
मेयर सत्या कौंडल ने कहा कि नगर निगम का प्रयास मूलभूत सुविधा बढ़ने का रहेगा। है। उन्होंने कहा कि अम्रुत और स्मार्ट सिटी के तहत चल रहे कार्यों को पूरा करने का प्रयास किया जाएगा।

विपक्ष ने बजट को निराशाजनक करार दिया

कांग्रेस पार्षदों ने नगर निगम के वार्षिक बजट को निराशाजनक करार दिया है। विपक्षी पार्षदों ने कहा है कि बजट में बीते वर्ष की बजट योजनाओं को दोहराया गया है। कांग्रेस के पार्षद आनंद कौशल,दिवाकर देव शर्मा,इंद्रजीत सिंह और शारदा चौहान ने बजट को छलावा बताया है।
पूर्व मेयर संजय चौहान ने कहा है कि अंतिम बजट भाजपा शासित नगर निगम की विफलता को उजागर करता है। इस बजट में स्पष्ट है कि न तो पांच वर्ष में नगर निगम कोई नई परियोजना शिमला शहर के लिए ला पाई है और न ही पूर्व नगर निगम द्वारा स्वीकृत व चलाई जा रही परियोजनाओं को पूर्ण कर पाई है। उन्होंने कहा कि पांच वर्ष के कार्यकाल में भाजपा ने अपने संसाधनों के निजीकरण व जनता पर टैक्स बढ़ाने के अलावा कोई भी कार्य नहीं किया है।

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