हिम्फेड ने समय रहते आवश्यक खादों के आर्डर नहीं दिये
शिमला
किसान संघर्ष समिति ने प्रदेश में खाद की कमी को लेकर गंभीर चिंता व्यक्त करते हुए सरकार पर किसानों के मुद्दे को लेकर उदासीन रवैया अपनाने के आरोप लगाए हैं।
किसान संघर्ष समिति के संयोजक संजय चौहान ने कहा कि
आज जब किसान विशेष रुप से सेब बागवानों को खाद की अत्यंत आवश्यकता है, उसे सरकार आवश्यकता अनुसार कोई भी खाद उपलब्ध नहीं करवा रही है। इससे मजबूरन बागवानों को खुले बाजार से महंगी व निम्न गुणवत्ता वाली खाद लेने के लिए विवश होना पड़ रहा है। सरकार इन किसान व बागवान विरोधी नीतियों के चलते कृषि व बागवानी के क्षेत्र में सहायता व सब्सिडी में कटौती कर रही है जिससे प्रदेश में कृषि का संकट पैदा हो गया है। उन्होंने कहा कि सरकार यदि तुरन्त किसानों को उचित कीमत पर मांग अनुसार खाद उपलब्ध नहीं करवाती है तो किसान संघर्ष समिति किसानों को लामबंद कर सरकार की इन किसान व बागवान विरोधी नीतियों व रवय्ये के विरुद्ध संघर्ष करेगी।
चौहान ने कहा कि जनवरी व फरवरी माह में हुई बेहतर बर्फबारी के पश्चात बागवानो को अपने बगीचों में प्राथमिकता से खाद डालने के कार्य करना है। परन्तु आज जिन खादों की आवश्यकता है सरकार इन्हें उपलब्ध नहीं करवा रही है और खुले बाजार में खादों की कीमतों में गत वर्ष की तुलना में भारी वृद्धि की गई है। आज बगीचों में पोटाश, NPK 12:32:16, NPK 15:15:15 डालने का समय आ गया है परन्तु कहीं पर भी यह खादें उपलब्ध नहीं है और अब मजबूरन बागवानों को खुले बाजार से निम्न गुणवत्ता वाली खादें जोकि कृषि व बागवानी विश्विद्यालय या बागवानी विभाग द्वारा अनुमोदित नहीं है, उन्हें खरीदने के लिए मजबूर किया जा रहा है। इससे भविष्य में सेब के उत्पादन व उत्पादकता में कमी आएगी जिससे बागवानी का संकट और अधिक गहरा होगा और सेब की आर्थिकी की बर्बादी से प्रदेश की अर्थव्यवस्था बुरी तरह से प्रभावित होगा।
उन्होंने बताया कि प्रदेश में सरकार द्वारा आजतक हिम्फेड द्वारा खाद उपलब्ध करवाई जाती रही है। परन्तु सरकार की लचर व्यवस्था के चलते आज हिम्फेड के द्वारा समय रहते आवश्यक खादों के आर्डर नहीं दिये गए, जिससे आज खाद का संकट खड़ा हो गया है।
सब्सिडी बन्द करने से खाद की कीमतों में हुई भारी वृद्धि
संजय चौहान ने कहा कि
इसके साथ केंद्र व राज्य सरकार के द्वारा खाद पर दी जा रही सब्सिडी बन्द करने से खाद की कीमतों में भारी वृद्धि हुई है। पिछले साल जो कैल्शियम नाइट्रेट का 25 किलो का एक बैग 1100 ₹ से 1250 ₹ का मिल रहा था वह अब 1300₹ से लेकर 1750₹ का मिल रहा है। पोटाश का 50 किलो का एक बैग जो गत वर्ष 1150 ₹ में मिल रहा था उसकी कीमत भी अब 1750₹ की जा रही है। NPK 12:32:16 जिसकी कीमत गत वर्ष 1200₹ थी उसकी कीमत भी 1750 कर दी गई है बावजूद इसके न तो पोटाश खाद उपलब्ध है और न ही NPK 12:32:16 उपलब्ध है। HPMC ने जो बागवानों के बकाया पैसों देना है उसके एवज में वह जबरन जो खाद व अन्य वस्तुएं उपलब्ध करवा रही है वह बाज़ार से भी अधिक कीमतों पर बेचकर बागवानों की लूट कर रही है। सरकार इस पर तुरन्त रोक लगाकर बागवानों के बकाया का नकद भुगतान तुरन्त करे।