शिमला
ईसाई मिशनरियों द्वारा बलपूर्वक, लोभ- लालच एवं अन्य अवैध तरीकों से भोले-भाले हिंदुओं के धर्मांतरण पर वर्षों से शोध कर रही विख्यात लेखिका, पुणे (महाराष्ट्र) की सीमा रघुनाथ 30 जनवरी को उमंग फाउंडेशन के मानवाधिकार संरक्षण पर वेबीनार में विशेषज्ञ वक्ता होंगी। वह “लोभ एवं बलपूर्वक धर्मांतरण से संरक्षण का अधिकार” विषय पर व्याख्यान देंगी।
कार्यक्रम की संयोजक और हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय में पीएचडी स्कॉलर सवीना जहाँ ने बताया कि कार्यक्रम की अध्यक्षता हिमाचल प्रदेश सरकार की एडीशनल एडवोकेट जनरल रीता गोस्वामी करेंगी। आजादी के अमृत महोत्सव के उपलक्ष में उमंग फाउंडेशन द्वारा मानवाधिकार जागरूकता श्रृंखला में यह 20वां कार्यक्रम होगा। यह गूगल मीट पर लिंक
http://meet.google.com/tyf-keiu-dij और फेसबुक पर उमंग फाउंडेशन शिमला के पेज पर लाइव उपलब्ध रहेगा।
उन्होंने कहा कि वेबीनार की विशेषज्ञ वक्ता सीमा रघुनाथ महाराष्ट्र के पुणे में रहती हैं और उन्होंने ईसाई मिशनरियों के धर्मांतरण के कुचक्र पर 8 वर्ष से अधिक समय तक शोध किया है। यही नहीं उन्होंने विभिन्न विषयों पर कई पुस्तकें भी लिखी हैं जिनमें धर्मांतरण विषय प्रमुख है।
सीमा रघुनाथ देशभर में भोले भाले गरीब हिंदुओं को लोभ-लालच, दबाव डालकर अथवा इलाज के बहाने ईसाई बनाने के अंतरराष्ट्रीय षड्यंत्र का खुलासा करेंगी। वह इस मामले में हिंदुओं के मानवाधिकार संरक्षण के संवैधानिक उपायों के बारे में भी बताएंगी।
उधर कार्यक्रम अध्यक्ष रीता गोस्वामी हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट में लंबे समय से प्रैक्टिस कर रही हैं। वह आजकल सरकार की एडीशनल एडवोकेट जनरल भी हैं। अनेक सामाजिक संगठनों से जुड़ी रीता गोस्वामी हिमाचल प्रदेश धार्मिक स्वतंत्रता कानून 2019 के प्रावधानों की चर्चा करेंगी।
सवीना जहां ने बताया की उमंग फाउंडेशन के मानवाधिकार जागरूकता अभियान के अंतर्गत वेबीनारों में हिमाचल प्रदेश के अलावा पंजाब, दिल्ली, बिहार, झारखंड, और छत्तीसगढ़ आदि राज्यों के युवा भी हिस्सा लेते हैं। विशेषज्ञ वक्ताओं से सवाल-जवाब भी करते हैं।