अंतिम साल में पेंशन पर कमेटी करने का नहीं कोई औचित्य

बजट सत्र में पुरानी पेंशन बहाली को विशेष प्रस्ताव लाया जाए: एलडी चौहान

शिमला

पेंशन बहाली सँयुक्त मोर्चा हिमाचल प्रदेश (PRUFHP) ने कहा कि प्रदेश सरकार अंतिम वर्ष में भाजपा के दृष्टि पत्र के वायदे का पूरा करने के लिए पेंशन पर जो कमेटी गठित कर रही है वो इस मसले को लटकाने जैसा होगा। पेंशन बहाली सँयुक्त मोर्चा के राज्य महामंत्री एल ड़ी चौहान ने कहा कि इस कमेटी का गठन यदि वर्तमान सरकार बनने के 6 माह के भीतर हो जाता तो सही था। लेकिन अब अंतिम वर्ष में इसका कोई औचित्य नही बनता क्योंकि पंजाब में ऐसी कमेटी 3 साल पूर्व बन चुकी है और अभी तक उसकी कोई रिपोर्ट नही आई। एल ड़ी चौहान ने प्रदेश सरकार से मांग की है कि कमेटी अपनी रिपोर्ट में सिर्फ वितीय बोझ के आंकड़ों की बात करेगी जो कि विधानसभा प्रश्न के जवाब में सामने आ चुके है अतः विधानसभा के शुरू होने वाले बजट सत्र 2022-23 में पुरानी पेंशन बहाली को विशेष प्रस्ताव लाया जाए, जिसके समर्थन हेतु पेंशन बहाली सँयुक्त मोर्चा 1st जनवरी से “NPS कर्मी विधायक के द्वार” मुहिम की शुरुआत कर रहा है जिसके तहत हर विधायक से मुलाकात की जाएगी तथा उनसे बजट सत्र में प्रस्ताव के समर्थन व स्वीकृति हेतु मांग की जाएगी। चौहान ने कहा कि यदि MOU के तहत वितीय सम्बंधित शर्तो के आधार पर मामला केंद्र सरकार के समक्ष ले जाना आवश्यक बनता हो तो उसे प्रस्ताव के रूप में बजट सत्र से पास करके केंद्र को भिजवाया जाना चाहिए, ताकि राष्ट्रीय स्तर पर हर प्रान्त की तरफ से भारत सरकार पर दबाव बनाया जा सके, अब प्रदेश सरकार को इस मुद्दे पर आर या पार का निर्णय लेना ही होगा।
यदि इस बजट सत्र में प्रदेश सरकार व समस्त माननीय विधायक पुरानी पेंशन बहाली पर प्रस्ताव लाकर उसपर निर्णय नही लेते तो पेंशन बहाली सँयुक्त मोर्चा शिमला से लगातार भूख हड़ताल करेगा जिसमे प्रदेश के हर कर्मचारी संगठन साथ होंगे तथा किसी भी राजनैतिक दल के नेता को इस मुहिम में इसलिए नही बुलाया जाएगा ताकि मुहिम का राजनीतिकरण होने से बच जाए।

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