25 दिसम्बर को शिमला के कालीबाड़ी हॉल में मंच करेगा राज्य स्तरीय अधिवेशन
शिमला
दलित शोषण मुक्ति मंच की प्रदेश राज्य कमेटी की बैठक सुरेंद्र तनवर की अध्यक्षता में शिमला में सम्पन्न हुई। बैठक में राज्य संयोजक जगत राम,सह संयोजक आशीष कुमार,सुरेंद्र तनवर,विजेंद्र मेहरा,विवेक कश्यप,अर्जुन सिंह,राम चंद,रिवाल सिंह,रविकांत,नरेंद्र विरुद्ध,अमर चंद गजपति,वेद जोशी,अति देवी,ज्ञान सिंह,बुद्धि राम,राकेश कुमार व जयपाल मौजूद रहे।
इस मौके पर मंच के राज्य संयोजक जगत राम व सह संयोजक आशीष कुमार ने कहा कि मंच दलितों के मुद्दों को लेकर प्रदेशव्यापी आंदोलन करेगा। इस कड़ी में जिला व ब्लॉक स्तर पर दलितों के मुद्दों पर अधिवेशन, बैठकें व धरने प्रदर्शन होंगे। मंच छः दिसम्बर से पच्चीस दिसम्बर तक बीस दिनों तक दलितों के मुद्दों पर जनजागरण अभियान चलाएगा। इस अभियान का समापन 25 दिसम्बर को शिमला के कालीबाड़ी हॉल में एक राज्य स्तरीय अधिवेशन के रूप में होगा, जिसमें दो सौ प्रतिनिधि भाग लेंगे। इस दौरान डॉ भीमराव अंबेडकर की जीवनी,संविधान के मूल्यों की रक्षा करने,संविधान की प्रस्तावना को सभी कार्यालयों में स्थापित करने,दलितों पर बढ़ते हमलों को रोकने,अनुसूचित जाति,जनजाति उत्पीड़न रोकथाम कानून को सख्ती से लागू करने,निजी क्षेत्र में आरक्षण व्यवस्था लागू करने,सरकारी नौकरियों में नियमित भर्तियां करने व आरक्षण व्यवस्था लागू करने,दलितों के रिक्त पदों को तुरन्त भरने तथा अनुसूचित जाति,जनजाति उप योजना के बजट को दलितों के विकास के लिए खर्च करने व इसके दुरुपयोग को रोकने आदि मुद्दों पर दलित समुदाय को शिक्षित व लामबंद किया जाएगा।
जगत राम ने कहा कि केंद्र व प्रदेश सरकार पर दलित विरोधी होने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि पिछले चार वर्षों में देश व प्रदेश में दलितों का उत्पीड़न बढ़ा है। उन पर शारीरिक हमले बढ़े हैं। इस दौर में अनुसूचित जाति,जनजाति उत्पीड़न रोकथाम कानून को सख्ती से लागू करने की आवश्यकता थी, परन्तु इस कानून को सरकार ने कमज़ोर करने की निरन्तर कोशिश की। हिमाचल प्रदेश में भी दलितों पर उत्पीड़न व हमलों की घटनाओं में भारी इज़ाफ़ा हुआ है। उन्होंने आरोप लगाया कि प्रदेश सरकार इन हमलों व उत्पीड़न पर खामोश रही है।