जान जोखिम में डालकर ग्लेशियर में फंसी 11 हजार भेड़-बकरियां निकलने वाले जांबाजों को डीसी ने किया सलाम

लिटल रैबल एडवेंचर ने 11000 भेड़-बकरियों को सुरक्षित निकाला

कुल्लू

पार्वती घाटी की साहसिक संस्था लिटल रैबल एडवेंचर ने आज उपायुक्त आशुतोष गर्ग से मुलाकात की और गत 26 अगस्त को दूरवर्ती पथरीली घाटी में 11 हजार भेड़-बकरियों को सुरक्षित निकालने के अभियान की जानकारी दी।
उपायुक्त ने बताया कि बीेते 25 अगस्त को उन्हें दूरभाष तथा जिला आपदा प्रबंधन प्रकोष्ठ के माध्यम से जानकारी मिली कि मनिकर्ण से काफी अंदर पथरीली घाटी तथा ठाकुर कुंआ व डिभी नाला के पास के क्षेत्रों में चंबा, कांगड़ा व मण्डी के गडरियों की 11000 से अधिक भेड़ व बकरियां ग्लेशियर के कारण फंस गई हैं और यदि तत्काल कोई मदद नहीं मिली तो जान-माल का बहुत भारी नुकसान हो सकता है। उपायुक्त ने पार्वती घाटी के लिटल रैबल एडवेंचर के निदेशक शिवराम से सम्पर्क करके बकरियों को बचाने का आग्रह किया।
लिटल रैबल एडवेंचर शिवराम के नेतृत्व मंे चुनी लाल, महेन्द्र सिंह, सुरज महंत, धर्मेन्द्र ठाकुर, दिशु ठाकुर व सुनील नेगी सभी लोग तुरंत से पथरीली घाटी के लिए रवाना हुए और काफी लंबी दूरी पैदल तय करने के बाद जब ठाकुर कुंआ व डिभी क्षेत्रों में पहुंचे तो देखा कि बरसात तथा ग्लेशियर के कारण कहीं पर भी रास्ता नहीं रह गया था और नाले से होकर गुजरना जान को जोखिम में डालने जैसा था। शिवराम बताते हैं कि ऐसे में अपनी जान को बचाने की भी चुनौती सामने थी। बकरियों को निकालना तो अब बाद की बात हो गई।
शिवराम की पूरी टीम ने अपने साथ ले गए औजारों से पथरीली घाटी में नाले के साथ पत्थर डालकर रास्ता बनाया जहां से बामुश्किल लाईन में केवल एक-एक भेड़ निकल सकती थी। टीम के सभी सदस्यों ने एक-एक भेड़ व बकरी को अस्थाई रास्ते से पकड़ कर निकाला और इस तरह से उन्होंने लगभग 11 हजार भेड़ बकरियों की जान बचाई।
आशुतोष गर्ग ने लिटल रैबल एडवेंचर के साहस की सराहना की और कहा कि जान बचाना एक बड़ा पुण्य का काम है। टीम ने गडरियों के लाखों का नुकसान होने से बचा लिया। इसके लिए पूरी टीम बधाई की पात्र है।
उधर, भेड़ पालकों ने भी उपायुक्त आशुतोष गर्ग का आभार व्यक्त किया है।

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