सेब के दाम गिराने पर किसानसभा ने चिंता जताई
शिमला।
किसान सभा ने सेब बागवानों के शोषण को लेकर चिंता जताई है। किसान सभा के राज्याध्यक्ष डॉ कुलदीप सिंह तंवर, राज्य महासचिव डॉ ओंकार शाद और जिलाध्यक्ष सत्यवान पुण्डीर ने एक संयुक्त बयान में प्रदेश सरकार पर हाल ही मे सेब के दामों मे हो रही लगातार गिरावट के चलते बागवानों की परेशानी को बढ़ाने का आरोप लगाया है। कुलदीप सिंह तंवर ने कहा कि प्रदेश सरकार बागवानों के हितों की रक्षा करने मे पूरी तरह विफल रही है और कॉरपोरेट घरानों के साथ खड़ी होकर उनको खुली छूट दी जा रही है। उन्होंने कहा कि हाल ही में अडानी समूह द्वारा सेब के जो दाम तय किये हैं जिसमें बीते साल 80-100 फीसदी रंग वाले सेब के दाम 85 रुपये प्रति किलो था जबकि इस बार इसी सेब का रेट 72 रुपये प्रति किलो है। इसी तरह दूसरे दर के सेब के रेट में भी भारी गिरावट की गई है। इतने कम रेट में किसानों को अपने बागीचे का खर्च निकालना मुश्किल हो जाएगा।
डॉ तंवर ने कहा कि प्रदेश सरकार बड़े बड़े घरानों के साथ खड़ी होकर बागवानों का शोषण कर रही है। उन्होंने कहा कि एक तरफ तो प्रदेश सरकार ने किसानों व बागवानों को मिलने वाली सब्सिडी को खत्म कर दिया है जिससे कि लागत बढ़ रही है। आज किसान बाजार से महंगी दवाई खरीदने को मजबूर हैं तो वहीं दूसरी तरफ किसानों व बागवानों को बाजार में सेब के दाम भी नहीं मिल रहे हैं। आज के समय में उत्पादन लागत मे कई गुना बृद्धि हुई है परंतु किसानों व बागवानों को आज लागत मूल्य भी नहीं मिल रहा है जिससे कि आज इनकी आजीविका का संकट ओर गहरा हो रहा है।
उन्होंने कहा कि प्रदेश इस आर्थिकी को बचाने मे पूरी तरह विफल रही है। प्रदेश सरकार का बड़े बड़े कॉरपोरेट पर कोई नियंत्रण नहीं है उन्हें खुली छूट दी जा रही है। सरकार को चाहिए कि वह इन कॉरपोरेट घरानों की इस मनमर्जी पर रोक लगये। उन्होंने कहा कि सेब के दामों में आई गिरावट से व निरन्तर लागत वस्तुओं की कीमतों मे भारी बृद्धि के कारण सेब की 5 हजार करोड़ की आर्थिकी भी गहरे संकट में चली गयी है।
जम्मू कश्मीर की तर्ज पर सरकार करे सेब की खरीद
किसान सभा ने प्रदेश सरकार से मांग की है कि वह इस संकट के समय मे बागवानों को संकट से बाहर निकालने के लिए जम्मू कश्मीर की तर्ज पर एम आई एस (मंडी मध्यस्थता योजना) के तहत सेब खरीदे। जिसमें A ग्रेड के लिये 60 रुपये प्रति किलो B ग्रेड के लिए 44 रुपये व C ग्रेड के लिए 24 रुपये प्रति किलो के हिसाब से एचपीएमसी हिम्फेड व अन्य सहकारी समितियों के माध्यम से सेब खरीदा जाना चाहिए। जिलाध्यक्ष सत्यवान पुण्डीर ने कहा कि प्रदेश सरकार की लचर कार्यप्रणाली के कारण ए.पी.एम.सी. कानून की खुली अवहेलना पर रोक लगानी चाहिए, कानून के प्रावधानों को सही तरीके से लागू करना चाहिए।मंडियों में जिनके पास लाइसेंस व परमिट हैं केवल उन्हें ही कारोबार करने की इजाजत देनी चाहिए तथा किसानों को जिस दिन उसका उत्पाद बिकता है उसी दिन खरीददार व आढ़ती द्वारा भुगतान के प्रावधान को लागू करना चाहिए।
किसान सभा के नेताओं ने कहा कि 30 अगस्त को शिमला में संयुक्त किसान मंच द्वारा आयोजित अधवेशन में किसान सभा बढ़ चढ़ कर हिस्सा लेगी तथा किसान-बागवानों की समस्याओं को लेकर आगामी रणनीति तैयार करेगी।