स्वास्थ्य विभाग में विभिन्न सोसाइटियों के कई सालों से सेवाएं दे रहे हैं कर्मचारी
शिमला
अराजपत्रित कर्मचारी महासंघ की सरकार के साथ होने जा जा रही जीसीसी की बैठक को लेकर कर्मचारियों में खासी उम्मीदें हैं। जयराम सरकार के कार्यकाल के करीब चार साल पूरा होने का रहे हैं। ऐसे में आखिरी साल हो रही इस बैठक को लेकर कर्मचारी संगठनों के सामने कर्मचारी अपनी मांगें रख रहे हैं। विभिन्न विभागों में नियुक्त अस्थाई कर्मचारियों का मुद्दा प्रमुखता से सामने आ रहा है। ऐसा ही स्वस्थ्य विभाग में है जहां बड़ी संख्या में अस्थाई कर्मचारियों की नियुक्ती की गई है। इन कर्मचारियों को वेतन और अन्य सुविधाएं पूरी नहीं मिल रही। स्वास्थ्य विभाग में विभिन्न सोसाइटियों के तहत कर्मचारी कई सालों से काम कर रहे हैं। बीते 20 से 22 सालों से काम कर रहे इन कर्मचारियों का कोई भविष्य नहीं है। हालांकि विभाग का काम ये कर्मचारी पूरी मुस्तैदी से कर रहे है या यूं कहें कि ये विभाग के बड़े प्रोजेक्टों और कार्यक्रमों की रीढ़ है। इसके बावजूद इनके लिए कोई स्थाई नीति आज तक नहीं बन पाई है। ऐसे में एक बार फिर इन कर्मचारियों के हक की आवाज उठने लगी है।
हिमाचल स्वस्थ्य विभाग कर्मचारी महासंघ अबकी बार इन कर्मचारियों की मांगों को जेसीसी की बैठक में प्रमुखता से उठाने की जोरदार वकालत कर रहा है। महानसंघ के वरिष्ठ उपाध्यक्ष राजेश कश्यप ने कहा है कि अस्थाई कर्मचारियों की मांगों को जेसीसी की बैठक में प्रमुखता मिलनी चाहिए। उन्होंने कहा कि विभाग में ये कर्मचारी अपनी अहम सेवाएं दे रहे हैं। अस्थाई कर्मचारी नियमित कर्मचारियों की तरह बराबर का काम कर रहे हैं। मगर वेतन व अन्य सुविधाएं इनको नहीं मिल रही। ऐसे में इन कर्मचारियों के लिए स्थाई नीति बनाई जानी चाहिए, जिससे कि समान काम के लिए समान वेतन का सिद्धांत लागू हो और इन कर्मचारियों का भविष्य भी सुनिश्चित किया जा से। उन्होंने कहा कि विभाग में कार्यरत अन्य कर्मचारियों के मुद्दों के साथ अस्थाई कर्मचारियों का मामला प्रमुखता से जेसीसी की बैठक में लाने महासंघ पूरा प्रयास करेगा। अन्य विभागों में आउट पर लगे कर्मचारियों के लिए भी कोई नीति लाई जाए।
उन्होंने उन्मीद जताई कि अराजपत्रित कर्मचारी महासंघ भी इन कर्मचारियों के मुद्दों को सरकार के सामने जोरदार तरीके से अवश्य रखेगा।