बच्चों से इंटरनेट के सेफयूज पर करें खुलकर बात, बच्चे के बर्ताव में एकदम हो बदलाव तो फेसबुक, व्हाट्स एप आदि पर गतिविधियां भी जांचें

साइबर पुलिस ने माता-पिता के लिए एडवाइजरी जारी की

शिमला।

आज के समय में बच्चे इनरनेट का इस्तेमाल बड़े स्तर पर कर रहे हैं। मगर इंटरनेट का कई बच्चे मिसयूज भी करने लगते हैं। यही नहीं कई बच्चे साइबर अपराध का भी शिकार हो रहे हैं। ऐसे में बच्चों पर निगरानी रखना बेहद जरूरी है। साइबर पुलिस ने इसके लिए अभिवावकों को एडवाइजरी जारी की है।

साइबर पुलिस की अभिभावकों को सलाह है कि वे अपने बच्चों को भरोसे में लें और इंटरनेट की सेफ ब्राउज़िंग और कंप्यूटर के उपयोग के बारे में उनके साथ खुली बातचीत करें। कंप्यूटर में कोई खोज फ़िल्टरिंग सॉफ़्टवेयर या उपकरण लगाना भी सही नहीं है।

सभी अभिवावक ये सुनिश्चित करें

सोशल मीडिया सुरक्षा पर खुद को भी शिक्षित करें और किशोरों के साथ वर्तमान खतरों और तस्वीरें/वीडियो ऑनलाइन पोस्ट के दुरुपयोग के दीर्घकालिक प्रभावों के बारे में खुली चर्चा करें।

कंप्यूटर को खुली जगह पर रखें। एक नियम बनाएं कि जब बच्चे ऑनलाइन हों तो दरवाजे हमेशा खुले रहे।


अगर आपको अपने बच्चे के बारे में गलत सामग्री मिलती है तो संबंधित सर्विस प्रोवाइडर या पुलिस से यथाशीघ्र संपर्क करें।

अपने बच्चों को ऐसी साइट से तुरंत बाहर निकलने की सलाह दें जिनसे वे असहज या चिंतित महसूस कर रहे हों।

माता-पिता को उन लोगों पर नज़र रखनी चाहिए जिनके साथ उनके बच्चे बात कर रहे हैं और वे कौन सी साइट ब्राउज़ कर रहे यह भी देखें। यह उनकी गोपनीयता पर अतिक्रमण नहीं है, बल्कि यह डिजिटल स्पेस में उनका पालन-पोषण करना है।

अधिकांश बच्चे अपने माता-पिता को यह बताना नहीं चाहेंगे कि उनको ऑनलाइन धमकाया या परेशान किया जाता है क्योंकि बच्चों को यह डर रहता है कि ऐसा करने से उनके इंटरनेट इस्तेमाल करने पर रोक लगेगी। सुनिश्चित करें कि आपके बच्चे यह समझें कि यदि वे आपको किसी समस्या के बारे में बताएंगे तो उन्हें परेशानी नहीं होगी बल्कि आप उनकी समस्या हल करेंगे।

13 साल से कम उम्र के बच्चों को Facebook, Instagram, SnapChat, iTunes और कई अन्य पर अनुमति नहीं है। इसलिए नियमों को तोड़ने के लिए अपने बच्चे का समर्थन न करें।

अपने बच्चे को यह समझाएं कि सभी सोशल नेटवर्किंग प्रोफाइल की privavy सेटिंग करना जरूरी है। साइट को यथासंभव सुरक्षित बनाने के लिए उपलब्ध सभी सिक्यॉरिटी सैटिंग का उपयोग अवश्य करें।

छोटे बच्चों को बिना किसी काम के ‘Google’ ब्राउज़ करने की अनुमति न दें। बच्चों को सर्च इंजन और वे कैसे काम करते हैं, इसके बारे में सिखाया जाना चाहिए।

बच्चों को स्नैपचैट जैसे ऐप्स, जिनसे कि पोस्ट तुरंत हट जाती हैं, का उपयोग करने की अनुमति नहीं देनी चाहिए।
इस तरह के ऐप्स आपको बच्चे के ऑनलाइन निगरानी करने से रोकते हैं और हो सकता है कि आपको कभी पता न चले कि आपके बच्चे को क्या झेलना पड़ रहा है।

अभिभावक इंटरनेट के सेफ इस्तेमाल करने के बारे में बच्चों से खुलकर बात करें: राठौर
एडिशनल एसपी साइबर क्राइम नरवीर सिंह राठौर कहते हैं कि बच्चों से इंटरनेट के सेफ इस्तेमाल करने के बारे में खुलकर बात करनी चाहिए। वहीं बच्चों पर निगरानी रखना भी बेहद जरूरी है। अगर बच्चे के व्यवहार में अचानक बदलाव हैं, तो अन्य बातों के अलावा, फेसबुक, व्हाट्सएप आदि पर उसकी ऑनलाइन गतिविधियां जरूर जांचें। इससे आप अपने बच्चे को इंटरनेट के दुरुपयोग और उनसे पड़ने वाले प्रभावों से बचाने के साथ साथ साइबर क्राइम से भी बचा सकते हैं।

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