शिमला।
आईजीएमसी में अस्पताल सुरक्षा-आपदा प्रबंधन और संरचनात्मक सुरक्षा पहलुओं पर दो दिवसीय कार्यशाला आयोजित की गई।
कार्यशाला का आयोजन शिमला नगर निगम द्वारा गृह मंत्रालय (एमएचए), के तत्वावधान में यूनाइटेड स्टेट्स एजेंसी फॉर इंटरनेशनल डेवलपमेंट (यूएसएआईडी), संयुक्त राष्ट्र विकास कार्यक्रम (यूएनडीपी) के सहयोग से किया गया। इस प्रशिक्षण कार्यक्रम में महापौर सत्या कौंडल शिमला शहर, आशीष कोहली आयुक्त एमसी शिमला और अतिरिक्त आयुक्त अजीत भारद्वाज, एमसी शिमला शामिल रहे। दो दिवसीय प्रशिक्षण जियो हैजर्ड सोसाइटी इंडिया के प्रमुख डॉ हरि कुमार और मुदस्सर खान डीआरआर विशेषज्ञ जियो हैजर्ड सोसायटी द्वारा दिया गया।
डा जनक राज, डा यशपाल रांटा विशेष रूप से रहे मौजूद
इस कार्यशाला में आईजीएमसी से डॉ. जनक राज अपनी टीम डॉ. यशपाल रांटा और डॉ. शोमिन धीमान के साथ उपस्थित रहे जो कि आईजीएमसी आपदा प्रबंधन समिति का भी हिस्सा हैं। इसमें विभिन्न विभागों के डॉक्टर, नर्सिंग अधीक्षक, मैट्रन, वार्ड सिस्टर्स और स्टाफ नर्स शामिल रहीं।
यह दो दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम प्रतिभागियों में विभिन्न स्थानीय खतरों और आपदा प्रबंधन के बारे में जागरूकता लाने और संवेदनशील बनाने पर केंद्रित रहा। इसमें पहले दिन COVID-19 महामारी के विशेष संदर्भ में अस्पताल सुरक्षा तैयारियों और अग्नि सुरक्षा प्रबंधन की बुनियादी बातों के साथ आपदाओं के समय अस्पताल की कार्यक्षमता के बारे में भी समझाया गया। अग्नि सुरक्षा सत्र आरसी शर्मा पूर्व निदेशक दिल्ली अग्निशमन सेवा और पूर्व डीआईजी सीआईएसएफ द्वारा संचालित किया गया।
प्रशिक्षण के दूसरे दिन प्रतिभागियों को आईजीएमसी की आपदा प्रबंधन योजना और आपदा नियोजन के बारे में जानकारी देने पर केंद्रित रहा।
इसमें अस्पताल के लिए एक काल्पनिक परिदृश्य को ध्यान में रखते हुए प्रतिभागियों के साथ एक टेबल टॉप अभ्यास भी किया गया। प्रतिभागियों को पारिवारिक आपदा प्रबंधन योजना के महत्व के बारे में भी बताया गया। दो दिवसीय कार्यशाला के समापन अवसर पर प्रतिभागियों को सर्टिफिकेट्स भी वितरित किए गए।