फॉरेस्ट क्लीयरेंस में फंसे प्रोजेक्टों की हर 15 दिन में देनी होगी रिर्पोट

फॉरेस्ट, पीडब्ल्यूडी व अन्य विभाग आपसी समन्वय से समयबद्ध मामले निपटाएं : भारद्वाज
शिमला
शहरी विकास मंत्री सुरेश भारद्वाज ने आज सचिवालय में शिमला स्मार्ट सिटी, वन, लोक निर्माण, केंद्रीय लोक निर्माण और अन्य भागीदार विभागों की बैठक ली।
बैठक में वन विभाग की स्वीकृति न मिलने के कारण रुके हुए स्मार्ट सिटी के कामों को लेकर चर्चा हुई। शिमला स्मार्ट सिटी के 6 कामों के लिए वन विभाग की स्वीकृति की आवश्यकता है और 10 प्रकल्पों में पेड़ काटने की अनुमति मांगी गयी है।
भारद्वाज ने कहा कि शिमला स्मार्ट सिटी का मकसद शिमला शहर को विकसित करना और आधुनिक बनाना है। उन्होंने अधिकारीयों को निर्देश दिए कि फारेस्ट के मामलों को त्वरता के साथ निपटाया जाए और औपचारिकताएं पूरी की जाएं।
मंत्री ने कहा कि अब वन स्वीकृति के लिए देहरादून के चक्कर नहीं लगाने पड़ेंगे। शिमला में कार्यालय खुलने से इन मामलों के निदान में तेज़ी आणि चाहिए।
उन्होंने विभागों से मामलों को सम्बंधित विभाग के साथ समय समय पर उठाने के निर्देश दिए। मंत्री ने समयबद्ध काम पूरा करने के निर्देश दिए और कहा कि हर 15 दिन के बाद उन्हें प्रगति रिपोर्ट दी जाए।
भारद्वाज ने कहा कि रिज कि मरम्मत, लक्कर बाजार से रिज के लिए एस्केलेटर, संजौली से आईजीएमसी के लिए स्मार्ट पाथ शहर के लिए बहुत ज़रूरी है। उन्होंने कहा कि सभी सम्बंधित विभाग आपस में समन्वय स्थापित कर काम शुरू कराये।
बैठक में शहरी विकास विभाग के निदेशक मनमोहन शर्मा , स्मार्ट सिटी शिमला के महाप्रबंधक (तकनीकी) नितिन गर्ग, वन विभाग, नगर निगम व अन्य विभागों के अधिकारी उपस्थित रहे।

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