शिमला।
एसएफआई हिमाचल प्रदेश राज्य कमेटी द्वारा सहायक शिक्षा निदेशक को मांगपत्र सौंपा गया, जिसमें मांग की गई कि प्रदेश सरकार द्वारा उच्च शिक्षा में प्रवेश पर स्पोटर्स व कलचरल कोटे जो खत्म करने के फैसले को शीघ्र वापिस लिया जाए।
एसएफआई राज्य सचिव अमित ठाकुर ने कहा कि आज एक ओर हिमाचल प्रदेश के दो खिलाड़ी जहां टोक्यो ओलंपिक में देश का प्रतिनिधित्व कर रहे हैं, वहीं राज्य सरकार खेल प्रेमियों को प्रोत्साहित करने के बजाय कॉलेजों में प्रवेश के लिए स्पोर्ट्स और कल्चरल कोटा खत्म करने का दुर्भाग्यपूर्ण फैसला ले रही है।। आरक्षण खत्म करने का सरकार का यह फैसला खिलाड़ियों को हतोत्साहित करने वाला है। सरकार का स्पोर्ट्स और कल्चरल कोटा समाप्त करने से खिलाड़ियों का मनोबल गिरेगा। खेल और सांस्कृतिक गतिविधियों में छात्रों का हिस्सा लेना कम हो जाएगा।
सरकार के प्रवेश प्रक्रिया को लेकर नए रोस्टर के मुताबिक अब जिन कॉलेजों और शिक्षण संस्थानों में सीमित सीटें हैं और मेरिट आधार पर प्रवेश दिया जाता है, उनमें स्पोर्ट्स और कल्चरल एक्टिविटी में अव्वल रहने वाले छात्रों को आरक्षण नहीं मिलेगा। इससे पहले 120 प्वाइंट रोस्टर में स्पोर्ट्स और कल्चरल कोटा पांच-पांच फीसदी था। लगातार विरोध के चलते कोटे के विवाद को रिव्यू करने के लिए आठ सदस्यीय कमेटी बनाई गई थी आज उस समीक्षा कमेटी के अध्यक्ष को SFI ने ज्ञापन सौंपा है।
समीक्षा बैठक से पहले एसएफआई का प्रतिनिधि मंडल कमेटी सदस्यों से शिक्षा निदेशक कार्यालय में मिला और मांग की है कि पूर्व की तरह प्रवेश प्रक्रिया में लागू किए जाने वाले 120 प्वाइंट रोस्टर में दिए जाने वाले आरक्षण को सरकार बहाल करे। कॉलेजों में 26 जुलाई से यूजी कोर्स की प्रवेश प्रक्रिया शुरू हो गई है, जिसमे अभी तक स्पोर्ट्स व कल्चरल कोटे के प्रावधान नही है । आज ही इस कोटे को बहाल करने के लिए अधिसूचना जारी की जाए अन्यथा मजबूरन छात्रों को आंदोलन का रास्ता अपनाना पड़ेगा।
इसके साथ साथ एसएफआई ने मांग की है कि अभी अधिकतर महाविद्यालयों में प्रवेश प्रक्रिया ऑनलाइन माध्यम से हो रही है जिसके लिए साइबर कैफे में जाकर छात्रों को फॉर्म भरने पड़ रहे है ऐसे में छात्रों की मजबूरी का फायदा उठाकर कई साइबर कैफे अतिरिक्त फीस वसूल रहे है एसएफआई मांग करती है की सरकार व उच्च शिक्षा विभाग एक अधिसूचना जारी करें जिसके तहत अधिकतम फीस तय हो उससे अधिक फीस वसूलने वाले कैफे पर कार्रवाई की जा सके।