शिमला। सीटू जिला कमेटी शिमला की बैठक जिलाध्यक्ष कुलदीप डोगरा की अध्यक्षता में सीटू कार्यालय किसान मजदूर भवन चिटकारा पार्क कैथू शिमला में सम्पन्न हुई। बैठक में सीटू प्रदेशाध्यक्ष विजेंद्र मेहरा,कुलदीप डोगरा,अजय दुलटा,रमाकांत मिश्रा,बाबू राम,बालक राम,हिमी देवी,विनोद बिरसांटा,किशोरी ढटवालिया,दलीप सिंह,विरेन्द्र लाल,राकेश कुमार,राजेश शर्मा,नरेंद्र देष्टा,नोख राम,सीता राम,सुनील मेहता,मदन लाल,शालू राणा,रिंकू राम,रीना,रवि,शांति आदि शामिल रहे।
सीटू जिलाध्यक्ष कुलदीप डोगरा व महासचिव अजय दुलटा ने राज्य कमेटी बैठक के निर्णयों की जानकारी देते हुए कहा कि मजदूरों व किसानों की मांगों को लेकर 25 जुलाई से 8 अगस्त तक प्रदेशव्यापी अभियान होगा व 9 अगस्त को भारत छोड़ो दिवस के मौके पर प्रदेशभर में मजदूरों किसानों के प्रदर्शन होंगे। उन्होंने कहा कि केंद्र की मोदी सरकार व प्रदेश की जयराम सरकार लगातार मजदूर विरोधी निर्णय ले रही हैं। केंद्र सरकार ने केवल 2600 रुपये मासिक वेतन लेने वाले मिड डे मील वर्करज़ के वेतन में पिछले बारह वर्षों में एक भी रुपये की बढ़ोतरी नहीं की है। कोरोना काल में शानदार कार्य करने वाले आंगनबाड़ी कर्मियों को हिमाचल प्रदेश में हरियाणा के मुकाबले केवल आधा वेतन दिया जा रहा है। कोरोना योद्धा आशा व आउटसोर्स कर्मियों का भारी शोषण किया जा रहा है। उन्हें सरकार द्वारा घोषित न्यूनतम वेतन तक नहीं दिया जा रहा है। हिमाचल प्रदेश के मजदूरों के वेतन को उपभोक्ता मूल्य सूचकांक के साथ नहीं जोड़ा जा रहा है।
उन्होंने कहा है कि कोरोना काल में देश की ही तरह प्रदेश में हज़ारों मजदूरों की छंटनी की गई है व उनके वेतन में चालीस प्रतिशत तक कि कटौती की गई है। देश के मजदूर लंबे समय से 21 हज़ार रुपये वेतन की मांग कर रहे हैं परन्तु उनका वेतन बढ़ाने के बजाए मजदूरों के श्रम कानूनों को खत्म करके मजदूर विरोधी चार लेबर कोड बना दिये गए हैं। इन लेबर कोडों से नियमित रोज़गार खत्म हो जाएगा। इस से फिक्स टर्म रोज़गार व हायर एन्ड फायर नीति को बढ़ावा मिलेगा व मजदूरों की सामाजिक सुरक्षा खत्म हो जाएगी।