पंजाब पे कमीशन की सिफारिशों पर डॉक्टर नाराज, करेंगे पेन डाउन स्ट्राइक

कमीशन ने एनपीए 5 फीसदी कम व उसे बेसिक पे से डिलिंक करने की सिफारिश की
हिमाचल प्रदेश चिकित्सक संघ ने बैठक कर बनाई रणनीति
शिमला।
कोरोना काल में जान जोखिम मे डाल कर सेवाएं देने वाले डाक्टर पंजाब पे कमीशन की सिफारिशों से खासे नाराज हैं। पंजाब पे कमीशन ने सिफारिश की है कि चिकित्सकों का प्रैक्टिसिंग अलाउंस 25 फीसदी से 20 फीसदी कर दिया जाए और साथ में उसको बेसिक वेतन से d-link कर दिया जाए।

हिमाचल प्रदेश मेडिकल ऑफिसर संघ की एक वर्चुअल बैठक में इसकी आलोचनाकी गई। इसमें सभी जिला के कार्यकारिणी के सदस्यों ने हिस्सा लिया।यह बैठक प्रदेश उपाध्यक्ष डॉक्टर चांदनी राठौर की अध्यक्षता में हुई। बैठक में फैसला किया गया कि हिमाचल प्रदेश चिकित्सक संघ पंजाब मेडिकल ऑफिसर्स संघों के साथ मिलकर इसके प्रति अपना विरोध जताता रहेगा,जब तक कि इन सिफारिशों को ठीक नहीं किया गया । प्रदेश चिकित्सक संघ बैठक में इस निष्कर्ष पर पहुंचा की महामारी के समय जब चिकित्सक जान हथेली पर लेकर लड़ रहे हैं तो इस तरह की सिफारिशें बिल्कुल ही बेमानी हैं और उन सिपाहियों के साथ धोखा है जो फ्रंट लाइन में खड़े होकर इस महामारी से लड़ रहे हैं ।हिमाचल प्रदेश मेडिकल ऑफिसर संघ ने फैसला किया कि जैसे पंजाब मेडिकल ऑफिसर संघ 25 तारीख से 2 घंटे की पेन डाउन हड़ताल शुरू कर रहे हैं ठीक उसी तर्ज पर हिमाचल प्रदेश मेडिकल ऑफिसर संघ भी सरकार को निर्धारित 72 घंटे का नोटिस देते हुए 27 तारीख से 2 घंटे की पेन डाउन स्ट्राइक और गेट मीटिंग आयोजित करेगा। संघ के महासचिव डॉ पुष्पेंद्र वर्मा ने कहा कि इसके अलावा डेंटल मेडिकल ऑफिसर संघ, आयुर्वेदिक मेडिकल ऑफिसर संघ, वेटनरी ऑफिसर संघ के साथ भी बात चल रही है। उन जल्द ही मिलकर सबसे एक मजबूत योजना बनाई जाएगी और इन सिफारिशों का पुरजोर विरोध दर्ज करवाया जाएगा। संघ के सभी सदस्यों ने महासचिव को यह जिम्मेदारी सौंपते हुए कहा कि वह तुरंत सरकार को इस बाबत नोटिस दे। उन्होंने कहा कि
दूसरा ज्वलंत मुद्दा मीटिंग में प्रशासनिक अधिकारियों द्वारा मेडिकल ऑफिसर इंचार्ज के साथ दुर्व्यवहार का और उनके परिवारों को मानसिक तनाव देने का रहा। जिसमें चंबा जिला के ज्वलंत उदाहरण को शामिल किया गया । इसमें सभी ने एकमत से अपनी सहमति जताई कि इस पर सरकार के प्रशासनिक अधिकारियों को कठोर से कठोर संदेश दिया जाना चाहिए ताकि भविष्य में इस तरह से कोई भी मेडिकल ऑफिसर पद की गरिमा और व्यक्तिगत स्वाभिमान को ठेस पहुंचाने की हिम्मत ना करें । सभी ने एकमत से यह प्रस्ताव पारित किया, जिसमें सरकार से मांग की जाएगी कि वह तुरंत इन प्रशासनिक अधिकारियों के खिलाफ करवाई करे। हिमाचल प्रदेश मेडिकल अफसर संघ ने बैठक में इसकी घोर निंदा व कड़ी भर्त्सना की।
अंत में कार्यकारिणी के सदस्यों ने एकमत से यह फैसला लिया कि संघ के प्रदेश अध्यक्ष जीवानंद चौहान,जो सेवानिवृत्त हो गए हैं, कि वे अगले चुनावों तक कार्यभार संभालते रहेंगे।

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