कांग्रेस विधायक दल की बैठक में नहीं तय हो पाया मुख्यमंत्री, हाई कमान लेगा फैसला

कांग्रेस पार्टी हिमाचल प्रदेश में अपने मुख्यमंत्री का चेहरा नहीं तय कर पाई। शुक्रवार को 40 विधायकों और केंद्रीय पर्यवेक्षकों के बीच करीब डेढ घंटे चली मीटिंग में अंतिम फैसला पार्टी हाईकमान पर छोड़ दिया गया।

अब मुख्यमंत्री का फैसला सीधे दिल्ली से होगा। डेढ़ घंटे चली मीटिंग में 6 चेहरों पर चर्चा हुई। जिनमें प्रदेश अध्यक्ष और पूर्व मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह की पत्नी प्रतिभा सिंह, सुखविंदर सुक्खू, मुकेश अग्निहोत्री, चंद्र कुमार, हर्षवर्धन चौहान और धनीराम शांडिल शामिल हैं।विधायकों की 3 बजे होने वाली मीटिंग 5 घंटे बाद शुरू हो गई है। कांग्रेस प्रभारी राजीव शुक्ला, ऑब्जर्वर भूपेश बघेल और भूपेंद्र हुड्डा ने दोबारा 6 बजे मीटिंग बुलाई, लेकिन ये भी साढ़े सात बजे के आसपास शुरू हो पाई।

प्रतिभा और सुक्खू समर्थकों के बीच धक्कामुक्की

हिमाचल कांग्रेस में गुटबाजी खुलकर सामने आ गई। पर्यवेक्षकों की मौजूदगी में प्रतिभा सिंह समर्थकों ने जमकर नारेबाजी की। शाम की मीटिंग में तो जब भूपेश बघेल पार्टी ऑफिस पहुंचे तो कुछ समर्थक उनकी गाड़ी पर भी चढ़ गए। प्रतिभा समर्थकों ने कांग्रेस कार्यालय को भी घेर लिया था।

वहीं, मुख्यमंत्री पद के दूसरे बड़े दावेदार सुखविंदर सुक्खू भी लंबे इंतजार के बाद पार्टी कार्यालय पहुंचे। उनके आते ही समर्थकों ने उन्हें कंधे पर उठा लिया और ऑफिस के अंदर ले गए। इस दौरान सुक्खू और प्रतिभा सिंह समर्थकों के बीच धक्कामुक्की भी हुई।

पुलिस को बीच-बचाव करना पड़ा। समर्थकों को संभालने के लिए अतिरिक्त सुरक्षा बलों ‘बुलाया गया है। इससे पहले दोपहर तीन बजे होने वाली मीटिंग सुक्खू समर्थक विधायकों के न आने से 6 बजे तय की गई थी। हालांकि यह डेढ़ घंटे देरी से शुरू हुई। सुक्खू अपने 18 समर्थक विधायकों के साथ अनट्रेसेबल थें। उन्होंने अपना नंबर भी बंद कर दिया था। बड़े नेताओं के मान मनौवल के बाद वे देर शाम पार्टी कार्यालय पहुंचे।

कांग्रेस कार्यालय के बाहर सुक्खू के बाद प्रतिभा सिंह के समर्थकों ने शक्ति प्रदर्शन शुरूकर दिया। समर्थकों ने प्रतिभा सिंह के विधायक बेटे विक्रमादित्य सिंह को कंधे पर उठाकर जमकर नारेबाजी की। इस दौरान विक्रमादित्य सिंह के लिए उनके समर्थकों ने ‘शेर आया, शेर आया’ के नारे लगाए।

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