April 25, 2024

मातृवन्दना संस्थान ने लालपानी में मनाया वनमहोत्सव, 100 से अधिक पौधे रोपे

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प्रदेश संयुक्त सचिव वन सतपाल धीमान तथा कौशल विकास निगम की जीएम नीरज चांदला रहे उपस्थित
शिमला। मातृवन्दना संस्थान द्वारा आज शिमला के लालपानी में वन महोत्सव मनाया गया। संस्था के सदस्यों ने यहां देवदार समेत स्थानीय प्रजातियों के 100 से अधिक पौधे रोपे। इस अवसर पर बतौर मुख्य अतिथि प्रदेश संयुक्त सचिव वन सतपाल धीमान उपस्थित रहे। उन्होंने कहा कि प्रदेश में हर वर्ष 14 हजार हैक्टेयर भूमि पर पौधारोपण का लक्ष्य रहता है। जहां पर भी आप रहते हैं वहीं की वन प्रजातियों के पौधे रोपने चाहिए। जुलाई व अगस्त माह वन महोत्सव का रहता है। प्रदेश में 26 प्रतिशत भाग पर पेड़-पौधे हैं और 20 प्रतिशत भाग ऐसा है जिसमें पौधारोपण नहीं किया जा सकता है, जिसमे मुख्य रूप से लाहौल के क्षेत्र हैं। उन्होंने लोगों से अपने घरों के पास प्रतिवर्ष तीन से चार पौधे लगाने और वर्षभर उनकी सुरक्षा करने की अपील की। उन्होंने मातृवन्दना संस्थान के कार्यों की भी सराहना की।
इस अवसर पर बतौर विशिष्ट अतिथि कोशल विकास निगम की जीएम नीरज चांदला उपस्थित रहीं। उन्होंने मातृवन्दना संस्थान द्वारा पौधारोपण में उन्हें शामिल करने पर आभार व्यक्त किया। साथ ही ‘पेड़ को मानो धारा का गहना, स्वच्छ रहेगा पर्यावरण अपना’ के उद्देश्य से आयोजित इस पौधारोपण कार्यक्रम की प्रशंसा की। साथ ही उन्होंने संस्था के सदस्यों से ग्रामीण व शहरी क्षेत्र के बेरोजगार युवाओं को कौशल प्रशिक्षण के लिए प्रेरित करने का भी आह्वान किया।
मातृवन्दना के अध्यक्ष अजय सूद ने कहा कि मातृवंदना संस्थान गत 29 वर्षों से मातृवंदना पत्रिका का प्रकाशन करता आ रहा है। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ का विचार हर घर पहुंचाने के लिए देशभर में जागरण पत्रिकाएं प्रकाशित की जाती हैं। हिमाचल प्रदेश में 30 हजार मातृवन्दना पत्रिकाओं का प्रकाशन किया जाता है जो प्रदेश के लगभग सभी गांवों तक पहुंच रही है। इस अवसर पर मातृवन्दना के सचिव जय सिंह ठाकुर ने पौधारोपण कार्यक्रम में उपस्थिति राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के प्रांत प्रचारक संजय सिंह, प्रांत सह कार्यवाह चंद्र प्रकाश, प्रांत प्रचार प्रमुख महीधर प्रसाद, प्रांत सह बौद्धिक प्रमुख प्रमुख डा. सेवक राम, प्रांत सह प्रचार प्रमुख मोती लाल सहित उपस्थित अतिथियों और संस्थान के सदस्यों का पौधारोपण में भाग लेने पर आभार व्यक्त किया।

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