April 19, 2024

सरकार व नगर निगम ने आम जनता पर आर्थिक बोझ डालने का किया काम : नागरिक सभा

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15 अप्रैल तक वार्ड व मुहल्ले के स्तर पर सभा बनाएगी कमेटियां

शिमला

शिमला नागरिक सभा का अधिवेशन आज शिमला के कालीबाड़ी हाल में आयोजित की गई जिसमें शिमला शहर के सभी वार्डों से सैकड़ों लोगों ने भाग लिया। इसमे शहर के मुद्दों पर चर्चा की गई तथा सरकार व नगर निगम शिमला की नीतियों के कारण आम जनता पर आर्थिक बोझ डालने के कारण जनता का संकट बढ़ रहा है। सरकार व नगर निगम की इन नीतियों के कारण आम जनता को शहर में रहना दूभर हो गया है और केवल अमीर व साधन संपन्न लोगो के लिए यह शहर रहने योग्य बनाया जा रहा है। इस अधिवेशन में निर्णय लिया गया कि 15 अप्रैल तक वार्ड व मुहल्ले के स्तर पर शिमला नागरिक सभा की कमेटियों का गठन किया जाएगा और जनता के मुद्दों पर संघर्ष किया जाएगा।
अधिवेशन में चर्चा में भाग लेते हुए वक्ताओ ने कहा कि देश व प्रदेश में भाजपा के नेतृत्व वाली सरकार की नीतियों के कारण देश मे व्यापक महंगाई व बेरोजगारी फैली है। आज सभी खाद्य व आवश्यक वस्तुओं जिसमे पानी, बिजली, शिक्षा, स्वास्थ्य, परिवहन व अन्य सेवाएं सरकार की नीतियों के कारण महंगी की जा रही है। रसोई गैस व राशन की कीमतों में निरंतर वृद्धि की जा रही है, जिसके कारण आज आम जनता को रोजी रोटी का संकट हो गया है और जनता को रोजगार का संकट के चलते आज अपनी रोजमर्रा के खर्च चलाना मुश्किल हो गया है।
भाजपा को नगर निगम शिमला को सत्तासीन हुए 5 वर्ष का कार्यकाल पूर्ण हो गया है। परन्तु इन 5 वर्षों में सरकार ने पानी के बिल, प्रॉपर्टी टैक्स, कूड़ा उठाने की फीस व अन्य सेवाओं की दरों में भारी वृद्धि कर जनता पर आर्थिक बोझ डाला है। इसके साथ पानी जैसी मूलभूत आवश्यकता के निजीकरण के लिए कंपनी का गठन किया और शहरवासियों पर भारी भरकम बिल थमा कर आर्थिक बोझ डाला है। शहर के विकास के लिए कोई भी नई परियोजना नहीं लाई है और पूर्व नगर निगम द्वारा लाई गई विभिन्न परियोजनाओं जिसमे स्मार्ट सिटी, अम्रुत, विश्व बैंक की पेयजल व सीवरेज की परियोजना, टूटीकंडी से माल रोड के लिए रोपवे, तहबाजारी के लिए आजीविका भवन, शहरी गरीब के लिए आवास, पार्किंग व अन्य परियोजनाओं को आज तक पूर्ण नहीं की गई। इन पांच वर्षों में नगर निगम की सम्पतियों को अपने चेहतों को बांटने का कार्य किया है। आज नगर निगम की इस लचर कार्यशैली से शहर का विकास का पहिया थम गया है और केवल चेहते ठेकेदारों के इशारों पर कार्य कर इनको लाभ दिया जा रहा है।
वक्ताओं ने चर्चा में कहा कि आज भी शहर में 3 से 5 दिनों के बाद पानी मिल रहा है। वर्ष 2018 में शिमला शहर में पेयजल संकट से पूरे विश्व भर में शिमला शहर की बदनामी उठानी पड़ी थी और यह शहर के इतिहास में एक काला पन्ना है। इसके अतिरिक्त शहर में जाम की समस्या गंभीर हो रही है। आज सड़कों की दशा दयनीय बनी हुई है और वार्ड स्तर पर सड़कों व रास्तो की दशा भी खराब है। भाजपा की इन नीतियों के कारण जनता बूरी तरह से त्रस्त है।
नागरिक सभा के संयोजक संजय चौहान ने कहा कि भाजपा की सरकार व नगर निगम के द्वारा लागू की जा रही जनविरोधी नीतियों के कारण आज इनको नगर निगम चुनाव में हराने की आवश्यकता है तथा वैकल्पिक नीतियों के लिए संघर्ष तेज करने का निर्णय लिया गया।

बैठक में शहर के निम्न मुद्दों को लेकर संघर्ष का निर्णय लिया गया।

1.पानी, बिजली व अन्य मूलभूत आवश्यकताओं का निजीकरण बन्द करो।
2.शहर को नशा मुक्त करने के लिए वार्ड स्तर पर कमेटियो का गठन करें।
3. पानी व कूड़े उठाने की दरों में हर वर्ष 10 प्रतिशत की वृद्धि वापिस लो।
4. निजी स्कूलों में लगातार की जा रही फीस वृद्धि पर रोक के लिए कानून बनाओ।
5. IGMC व DDU अस्पताल में स्वास्थ्य सेवाओं में सुधार करो।
6. बस किराए में की गई वृद्धि वापिस लो और न्यूनतम किराया 2 रुपये करो।
7. शिमला शहर में पेयजल की आपूर्ति नियमित प्रतिदिन करो।
8. शहरी रोजगार गारण्टी योजना लागू करो।
9. नगर निगम शिमला व अन्य विभागों में रिक्त पड़े पदों को तुरन्त भरो।
10. आउटसोर्स व स्कीम वर्करों को नियमित करो।
11. टाऊन हाल व नगर निगम की अन्य संपत्तियों का निजीकरण बन्द करो।
12. पुरानी पेंशन योजना(OPS) बहाल करो सभी कर्मचारियों को पेंशन दो।
13.कोरोना काल में सभी के कूड़ा उठाने व पानी के बिल मुआफ़ करो।
14. राशन के डिपुओं में सभी को समय पर पूरा राशन उपलब्ध करवाओ।
15.शिमला शहर में ट्रैफिक जाम की समस्या के निदान के लिए योजना बनाकर लागू करो।
16. प्रत्येक वार्ड में पार्क, पार्किंग, खेल मैदान व कम्यूनिटी सेंटर का निर्माण करो।
17. शिमला शहर के पर्यावरण को बचाने के लिए ‘सीटी डेवेलपमेंट प्लान’ में उचित प्रावधान करो।
18.शिमला शहर को पर्यटन के रूप से विकसित करने के लिए प्रस्तावित रोपवे व अन्य परियोजनाओ का निर्माण शीघ्र करो।
20. गैर आयकरदाताओं के खातों में प्रतिमाह 7500 रुपये डालो।
21. गैर आयकरदाताओं को हर माह 35 किलो राशन मुफ्त दो।
22. शहरी ग़रीब को मकान बनाने के लिए 2 विस्वा जमीन दो।

अधिवेशन में ये रहे मौजूद

इस अधिवेशन में जगत राम, बालक राम, रमन, विजय कौशल, फालमा चौहान, सोनिया सुभरवाल, दर्शन सिंह, अनिल ठाकुर, अमित, कुलदीप सिंह, सत्यवान, गोविंद चितरांटा, जगमोहन, ओंकार शाद, राजिन्द्र चौहान, अमीन, महफूज़ मलिक, महेश वर्मा, रजनी, नितेश, रुक्सार, जिया नन्द, रीना तंवर, रंजीव कुठियाला, कुंदन, हेम राज चौधरी, सतीश, प्रकाश, सीमा, राम प्रकाश, किशोरी, पूनम सोहता, गुरदीप कौर, सुषमा, मीरा, राजकुमारी, शारदा, दीपा, हिम्मी, रामाकांत मिश्रा, सुरिंदर, पूर्ण, राकेश आदि ने भाग लिया। विधायक राकेश सिंघा भी विशेष रूप से उपस्थित रहे।

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