कर्मचारियों के लाभ जल्द दें, नहीं तो आंदोलन होगा तेज: महासंघ

हिमाचल प्रदेश संयुक्त कर्मचारी महासंघ ने कर्मचारियों को छठे वेतन आयोग से हो रहे नुकसान और उस पर सरकार की उदासीनता पर चिंता व्यक्त की है। महासंघ के प्रदेश अध्यक्ष वीरेंद्र चौहान, महासचिव हीरा लाल वर्मा, मुख्य सलाहकार विनोद कुमार ठाकुर ,उपाध्यक्ष अरविंद मेहता, समर चौहान, नरेश ठाकुर ने शिमला में एक संयुक्त प्रेस कॉन्फ्रेंस की। महासंघ के पदाधिकारियों ने कहा कि छठे वेतन आयोग के लागू होने से प्रदेश के सभी कर्मचारियों को भारी नुकसान हुआ है। यह पहला मौका है कि जब मूल वेतन के मामले में हिमाचल सरकार ने पंजाब को लागू नहीं किया है। इसके खिलाफ हिमाचल प्रदेश संयुक्त कर्मचारी महासंघ लगातार प्रयासरत है। उन्होंने कहा कि पिछले कल इसी सिलसिले में कर्मचारी महासंघ का एक प्रतिनिधि मंडल अतिरिक्त मुख्य सचिव वित्त प्रमोद सक्सेना से भी मिला है। महासंघ ने अभी तक इस संदर्भ में कोई कार्यवाही नहीं होने पर भी अपनी नाराजगी व्यक्त की।
कर्मचारी नेताओं ने कहा कि अभी इसके लिए बनी कमेटी की ना तो कोई बैठक हुई है और ना ही उसमें कोई आगामी कार्रवाई हो पाई है। राइडर को खत्म करना और इनिशियल स्टार्ट की बहाली के लिए अभी तक कोई कार्रवाई अमल में नहीं लाई गई है।
साथ ही साथ 4-9-14 की बहाली कर सभी कर्मचारियों को उसका लाभ दे देकर वर्तमान फिक्सेशन में उसकी गणना कर उसका लाभ देने की मांग पर वित्त विभाग की तरफ से अभी तक कोई कार्यवाही अमल में नहीं लाई गई है।

एसीएस को मांगों के बारे एक अतिरिक्त ज्ञापन सौंपा

कर्मचारी नेताओं ने कहा कि महासंघ ने पिछले कल एसीएस फाइनेंस प्रबोध सक्सेना को अपनी मांगों के संदर्भ में एक अतिरिक्त ज्ञापन भी सौंपा। इसमें कहा गया कि कर्मचारियों को 31 दिसंबर 2015 के मूल वेतन पर ही फैक्टर लगाया जाए। महासंघ ने मांग की है कि सभी कर्मचारियों को 31 -12- 2015 की स्थिति में 2.59 का फैक्टर लगना एक संवैधानिक प्रक्रिया है। जिस तरह से कर्मचारियों को पीछे किया जा रहा है और उनको नुकसान हो रहा है उसके खिलाफ महासंघ पहले से ही सरकार के खिलाफ आंदोलनरत है।

बजट में छठे वेतन आयोग के संबंध में नहीं की घोषणा

महासंघ के पदाधिकारियों ने आरोप लगाया कि सरकार ने अपने बजट भाषण में वह सब बातें तो डाल दी, जिसके लिए वित्त का प्रावधान करने की कोई आवश्यकता नहीं थी। लेकिन जहां पर वित्त का प्रावधान कर कर्मचारियों को वित्तीय लाभ देने की बात थी उन मुद्दों पर मुख्यमंत्री बजट भाषण में मौन हो गए। उन्होंने
आरोप लगाया कि मुख्यमंत्री ने अपने बजट भाषण में कर्मचारियों को छठे वेतन आयोग को लागू करने के साथ साथ भत्तों के संशोधन की कोई बात नहीं की है। कर्मचारियों को देय एरियर के बारे में बजट भाषण में कोई जिक्र नहीं किया और ना ही उसके लिए वित्त के प्रावधान की बात की। उन्होंने कहा कि कर्मचारी वर्ग एरियर न देने के बारे में सरकार के रुख पर चिंतित है। महासंघ पंजाब या केंद्र के आधार पर मिलने वाले सभी भत्तो की माँग कर रहा है।

कंप्यूटर टीचर और आउटसोर्स कर्मचारियों के लिए कोई पॉलिसी नहीं

कर्मचारी नेताओं ने कहा कि कंप्यूटर टीचर एस एम सी टीचर और आउटसोर्स कर्मचारियों के लिए बजट भाषण में पॉलिसी निर्धारण की किसी भी तरह की बात ना कहकर सब को निराश किया है। जबकि बड़े समय से सरकार इन वर्गों के लिए पॉलिसी बनाकर नियमित करने का दावा कर रही थी। मुख्यमंत्री द्वारा ओ पी एस की बहाली पर किसी तरह का आश्वासन नहीं दिए जाने पर भी महासंघ ने विरोध दर्ज किया है। संयुक्त कर्मचारी महासंघ स्पष्ट कहा है कि सरकार को कर्मचारियों के देय लाभ शीघ्र प्रदान करने होगे वरना सयुक्त कर्मचारी महासंघ प्रदेश व्यापी आंदोलन को और तेज गति देगा।

कर्मचारी नेताओं ने प्रताड़ित करने पर सरकार को चेताया

महासंघ के नेताओं ने कहा कि सरकार और विभाग उनको प्रताड़ित कर रहा है। आए दिन उनको अलग-अलग तरह के शो कॉज नोटिस देने तथा परेशान करने व डराने के मकसद से बार-बार स्पष्टीकरण के लिए बुलाना कर्मचारी विरोधी कार्य है तथा ट्रेड यूनियन एक्ट का सरासर उल्लंघन है। संविधान ने कर्मचारियों को ट्रेड यूनियन एक्ट के तहत अपनी बात को बुलंद करने के लिए संघर्ष और आंदोलन की इजाजत दी है। हिमाचल सरकार और उनके विभागों के प्रमुख अपनी मनमानी करके इनको खत्म करने का प्रयास कर रहा है। उन्होंने साफ कहा कि इसे किसी भी सूरत में सहन नहीं किया जाएगा। सभी पदाधिकारियों ने चेतावनी देते हुए कहा कि यदि इस तरह की कार्यवाही को हिमाचल सरकार शीघ्र समाप्त नहीं करती है तो उसका खामियाजा भुगतना पड़ेगा। महासंघ इसके विरोध में विभाग अध्यक्षों का घेराव शुरू करेगा। उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि प्रदेश के कर्मचारी सरकार की इस तरह की कार्रवाई से डरने वाले नहीं है और उसके खिलाफ खुलकर अपना विरोध करने के लिए तैयार है। साथ ही साथ महासंघ के पदाधिकारियों ने कर्मचारी वर्ग से आह्वान किया कि उनको किसी तरह के डरने की आवश्यकता नहीं है। यदि एनपीएस संगठन सहित किसी भी कर्मचारी संगठनों या कर्मचारी वर्ग के साथ सरकार ने ज्यादती की तो सयुक्त कर्मचारी महासंघ प्रदेश के अंदर बहुत बड़ा आंदोलन छेड़ देगा।

महासंघ ने कर्मचारियों से डरने की बजाय अपनी मांगों को मनवाने के लिए आगे आने का भी आह्वान किया। साथ ही साथ मांग की कि कर्मचारियों के खिलाफ एफआईआर और अन्य सभी प्रकार के शो कॉज नोटिस और जांच को समाप्त कर एक सौहार्दपूर्ण माहौल बनाने का काम करें।

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