बजट में सरकार ने शिक्षकों की अधिकतर मांगें मानी: शिक्षक महासंघ

अखिल भारतीय राष्ट्रीय शैक्षिक महासंघ के राष्ट्रीय सचिव पवन मिश्रा और हिमाचल प्रदेश शिक्षक महासंघ के प्रान्त महामंत्री डॉ मामराज पुंडीर, प्रान्त संगठन मन्त्री विनोद सूद, कोषाध्यक्ष यशवंत, जिला प्रधान शिमला जितेंदर थापा, महामंत्री संजीव कुमार , सी एंड वी स्वर्ग के उपाध्यक्ष तीर्थानंद, वरिष्ठ उपाद्यक्ष जय शंकर ठाकुर ने शिमला में सयुक्त प्रैस वार्ता की। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री द्वारा पेश बजट में हिमाचल प्रदेश शिक्षक महासंघ द्वारा ऊना जिला में आयोजित चतुर्थ प्रांत अधिवेशन में सौंपे गए 42 सूत्रीय आग्रह पत्र तथा मंडी के कंसा चौक में आयोजित पंचम प्रांतीय अधिवेशन में सौंपे गए शेष बची मांगों हेतु 14 सूत्रीय आग्रह पत्र में से अधिकतर अधिकतर मांगों को पूरा किया हैं।

शिक्षक नेताओं ने कहा कि हिमाचल प्रदेश शिक्षक महासंघ के आग्रह पर प्रदेश भी सरकार ने सबसे पहले प्राथमिक शिक्षा की नींव को सुदृढ़ करने के लिए पूर्व प्राथमिक शिक्षा सरकारी विद्यालयों में भी शुरू करने का निर्णय लिया,सरकारी विद्यालयों को प्रभावी शिक्षा मंदिर बनाने के लिए अटल आदर्श विद्यालय योजना,उत्कृष्ट विद्यालय योजना एवं शिक्षा के क्षेत्र में समाज के सहयोग के लिए अखंड शिक्षा ज्योति,मेरे स्कूल से निकले मोती,विद्यांजलि जैसी उत्कृष्ट योजनाओं को प्रारंभ किया। हिमाचल प्रदेश शिक्षक महासंघ के आग्रह पर ही सरकारी विद्यालय में पढ़ने वाले सभी विद्यार्थियों के लिए निशुल्क वर्दी व पुस्तकें उपलब्ध करवाई गई। विद्यालयों में मल्टी टास्क वर्कर के पद सृजित करना, टेट की शर्त आजीवन करना, ए सी आर को ऑनलाइन करना, जे बी टी और सी एंड वी की दूसरे जिलों में नियुक्ति की स्थिति में अपने गृह जिला में स्थानांतरण हेतु सेवा अवधि शर्त 13 वर्ष से घटाकर 5 वर्ष करना जिसमें अनुबंध काल भी शामिल है।सभी कर्मचारियों के लिए अनुबंध की सेवा शर्त पहले 5 वर्ष से 3 वर्ष और फिर 3 वर्ष से 2 वर्ष की गई। तत्कालीन पंजाब सरकार द्वारा छठे वेतन आयोग को 2016 से 2021 तक लंबित रखा गया जबकि हिमाचल सरकार द्वारा पंजाब सरकार की अधिसूचना के साथ ही हिमाचल प्रदेश शिक्षक महासंघ के आग्रह पर तुरंत हिमाचल में लागू किया गया। तत्पश्चात 15% सीधे वेतन वृद्धि का विकल्प और केंद्र सरकार द्वारा दिए गए महंगाई भत्ते के बराबर 31% मंहगाई भत्ता भी महासंघ के तर्कसंगत आग्रह पर प्रदान किया गया। नई पेंशन योजना के अंतर्गत आने वाले सभी कर्मचारियों के लिए केंद्र सरकार जारी 2009 की अधिसूचना को हिमाचल में भी लागू किया गया जिसके अनुसार सेवाकाल के दौरान कर्मचारी की मृत्यु के बाद पुरानी पेंशन योजना के अनुरूप ही पारिवारिक पेंशन और सेवानिवृति ग्रेच्युटी 10 लाख से बढ़ाकर 20 लाख कर दिया गया है।

< शिक्षा क्षेत्र के बजट में अब तक की सबसे बड़ी वृद्धि

महासंघ के नेताओं ने कहा कि आगामी वित्त वर्ष के लिए शिक्षा क्षेत्र का बजट 16% कर दिया गया है जो कि अब 8412 करोड़ बनता है। यह अब तक की सबसे बड़ी वृद्धि है। विद्यार्थियों के हर वर्ष दी जाने वाली छात्रवृतियों की राशि और संख्या दोनों बढ़ा दी गई है जो छात्र हित में सरकार का बहुत बड़ा फैसला है।

strong>शास्त्री एवं भाषा अध्यापकों को टी जी टी पदनाम का फ़ैसला सहराहनीय

शिक्षक नेताओं ने कहा कि शास्त्री एवं भाषा अध्यापकों को टी जी टी पदनाम दिया गया जो राष्ट्रभाषा और सभी भाषाओं की जननी देववाणी संस्कृत का सम्मान और गौरव बढ़ाता है। प्रवक्ता स्कूल न्यू का पदनाम प्रवक्ता बहाल कर दिया गया है। 2555 एस एम सी अध्यापकों के वेतन में वृद्धि सहित उनकी सेवाओं को निरंतर रखना तथा तर्कसंगत नीति बनाना, 20 वर्षों से विद्यालयों में कार्यरत कंप्यूटर शिक्षकों के वेतन में वृद्धि करना और उन्हें शिक्षा विभाग में समाहित करने का आश्वासन,26.04.2010 से पहले नियुक्त प्रशिक्षित कला स्नातक शिक्षकों व प्रवक्ताओं को मुख्य अध्यापक एवं प्रधानाचार्य बनने के लिए दोनों विकल्पों को बहाल करवाना हिमाचल शिक्षक महासंघ की बड़ी उपलब्धियां हैं।

शिक्षक नेताओं ने कहा कि एस एम सी अध्यापकों, व्यवसायिक शिक्षकों, आउटसोर्स कर्मियों,कंप्यूटर शिक्षकों के लिए तर्कसंगत नीति बनकर उन्हें नियमित करवाना, डी पी ई के लिए प्रवक्ता शारीरिक शिक्षा का पदनाम दिलवाना, प्राथमिक स्तर पर हर कक्षा के लिए एक शिक्षक, केंद्र पाठशाला के स्तर पर एक क्लर्क की पोस्ट सृजित करवाना,पूर्व प्राथमिक स्तर पर शिक्षक एवं आंगनवाड़ी की तर्ज पर सहायिका का पद सृजित करवाना तथा विद्यालयों में स्टाफ की संपूर्ण व्यवस्था सहित छात्र हित,शिक्षा हित और शिक्षक हित में आवश्यक हर मांग को समयानुसार पूरा करवाने का प्रयास हिमाचल प्रदेश शिक्षक महासंघ करता रहेगा।

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