करुणामूलक आश्रितों ने अपनी मांगों को लेकर निकाली रैली, डीसी ऑफिस पर किया प्रदर्शन

एक साल से क्रमिक अनशन कर रहे हैं करुणामूलक आश्रित

करुणामूलक आश्रितों ने वन टाइम सेटलमेंट और पेंडिंग केसों के सेटलमेंट को लेकर शिमला में एक बड़ी रैली निकाली। काफ़ी संख्या में जुटे करुणामूल्क आश्रितों ने शेरे पंजाब से लोअर बाजार होते हुए डीसी ऑफिस तक एक विशाल रैली निकाली और इसके बाद वहां जोरदार प्रदर्शन किया।
इस मौके पर करुणामूलक संघ के प्रदेशाध्यक्ष अजय कुमार ने कहा कि करुणामूलक आश्रितों की क्रमिक भूख हड़ताल को एक साल हो गया लेकिन सरकार कोई सुध नहीं ले रही। पूरे एक साल में एक बार भी सरकार ने बातचीत के लिए नही बुलाया। उन्होंने कहा कि ये बहुत दुखद है और हिमाचल में इतने लंबे समय तक प्रदर्शन का यह एक रेकॉर्ड बन गया है। उन्होंने कहा कि करुणामूलक आश्रितों ने इस एक साल में हर चुनोती का सामना किया। चाहे भारी बरसात हो या भारी बर्फबारी, करुणामूलक आश्रितों के होंसले बुलंद रहे है। उन्होंने कहा कि करुणामूलक आश्रितों ने साफ किया है कि हम बिन नौकरी घर नही लौटेंगे।
उन्होंने आरोप लगाया कि सरकार और करुणामूलक आश्रितों की एक साल से नही सुन रही है। उन्होंने कहा कि इस रैली के माध्यम से प्रदेश भर के करुणामूलक आश्रितों ने साफ किया है कि वह अपनी लड़ाई जारी रखेंगे। उन्होंने चेताया कि आश्रितों का की यह नजरंदाजी आने वाले चुनाव में सरकार को भारी पड़ सकती है। उन्होंने साफ किया कि रिवाज तभी बदलेगा जब करुणामूलक नोकरियाँ बहाल होंगी। उन्होंने चेताया कि सरकार अगर आगामी कैबिनेट में उनके बारे में कुछ फैसला नही लेती है तो आने वाले विधान सभा सत्र में 13 अगस्त को शिमला में जोरों शोरों से हल्लाबोल किया जायेगा

ये हैं करुणामूलक आश्रितों की मुख्य मांगे

1) समस्त विभागों, बोर्डों, निगमों ब यूनिवर्सिटी में लंबित पड़े क्लास-सी के करुणामूलक आधार पर दी जाने वाली नोकरियों के केसों को छठे वेतन आयोग में छूट देकर को जो 7/03/2019 की पॉलिसी में आ रहे हैं, उनको वन टाइम सेटलमेंट के तेहत एक साथ नियुक्तियाँ दी जाएं।

2) क्लास -डी में जितने भी मामले विभागों, बोर्डों यूनिवर्सिटी और निगमों के पेंडिंग मामले वित विभाग के पास फंसे है, उन्हे जल्द कैबिनेट में लाकर मोहर लगाई जाए।

3) पॉलिसी में संशोधन किया जाए व 62500 एक सदस्य सालाना शर्त हटाई जाए ।

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