March 29, 2024

आम आदमी पार्टी ने सेब के समर्थन मूल्य पर सरकार को घेरा

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समर्थन मूल्य एक रुपए प्रति किलो बढ़ाने पर उठाए सवाल

आम आदमी पार्टी ने एमआईएस के तहत सेब के खरीद मूल्यों पर सरकार को घेरा है। सरकार ने बीते दिन कैबिनेट में एमआईएस के तहत सेब रेट एक रुपए प्रति किलो बढ़ाने का फैसला किया था। इस तरह अब एमआईएस रेट 10.50 रुपए सरकार ने तय किया है।
आम आदमी पार्टी किसान विंग के राज्य अध्यक्ष अनिंद्र सिंह नोटी‌ ने प्रेस कांफ्रेंस में जयराम सरकार पर किसान बागवान विरोधी होने का आरोप लगाया है। उन्होंने कहा कि वैसे तो पूरी बीजेपी ही किसान विरोधी है। उन्होंने कहा कि पहले भी केंद्र की बीजेपी सरकार तीन कृषि काले कानून लाई थी, तब किसानों को लंबा संघर्ष करने पड़ा था, जिसमे कई शहादतें हुईं।‌‌ तब भी जयराम ठाकुर ने किसानों के बारे में एक भी शब्द नहीं कहा। उन्होंने आरोप लगाया है कि अब जयराम सरकार अपने बागवानों के साथ अन्याय कर रही है। हालांकि आम आदमी पार्टी तब किसानों के साथ खड़ी थी, आज भी सेब बागवानों के साथ खडी है। उन्होंने कहा कि दो दिन पहले आम आदमी पार्टी ने इस मुद्दे को उठाया था। इसके बाद सरकार ने बिना तैयारी की घोषणाएं कर दी जो कि किसानों के लिए जले पर नमक छेड़ने जैसा है।

जम्मू नेफ्ड के माध्यम से खरीद रहा 24 रुपए सी ग्रेड सेब

नेफ्ड के माध्यम से 24 रुपए सी ग्रेड का सेब खरीद रहा
अनिंद्र सिंह नोटी‌ ने कहा कि सरकार ने एमआईएस के तहत के तहत किसी जाने वाले सेब के रेट 9.50 से 10.50 रुपए किए हैं जो दिखा रहा है कि सरकार को बागवानों की कोई चिंता नहीं है। उन्होंने कहा कि आज खाद, दवाई और पैकेजिंग मैटेरियल मंहगा हो गया है। लेकिन सरकार ने मात्र एक रुपया ही बढ़ाया है। इसके विपरीत जम्मू नेफ्ड के माध्ययम से 24 रुपए सी ग्रेड का सेब खरीद रहा है। उन्होंने कहा कि सरकार ने कहा है कि वह सेब के कार्टन पर बढ़ा अतिरिक्त जीएसटी 6 फीसदी खुद वहन करेगी। लेकिन सॉफ्टवेयर केंद्र के अधीन है। ऐसे में कैसे वह इस जीएसटी को वहां करेगी। उन्होंने कहा कि ऐसे में सप्लायर 18 फीसदी जीएसटी किसानों से वसूलेंगे।
अगर सरकार इस पर सब्सिडी देती भी है तो यह लेना आसान नहीं होगा। इसके लिए किसानों को पहले विभाग से आवेदन करना पड़ेगा और अन्य जरूरी प्रक्रिया करने पड़ेगी। इसके लिए सब्सिडी का इंतजार करना पड़ेगा, क्योंकि
पिछले कई सालों की किसानों को सब्सिडी नहीं मिली है।
अनिंद्र सिंह नोटी‌ ने कांग्रेस को भी सलाह दी है कि वह बागवानों के लिए घड़ियाली आंसू बहाना बंद करे। उन्होंने कहा कि हिमाचल में कांग्रेस और बीजेपी ही बीते चालीस सालों से अधिक समय से सता में रहती आई है। इस तरह 1980 से अंत तक अगर एक रुपए भी हर साल बढ़ाया होता तो सेब का समर्थन मूल्य 40 रुपया हो गया होता। उन्होंने कहा कि आज आम पार्टी किसानों के साथ तीन कानूनों के विरोध में खड़ी है। सेब बागवानों के साथ भी आम आदमी पार्टी मजबूती से खड़ी है। उन्होंने कहा कि इस मुद्दे को लेकर आम आदमी पार्टी किसानों से मिलेगी।

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