शिमला.
मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा है कि सरकार प्रदेश में आपदा से प्रभावित लोगों की मदद करने के लिए कटिबद्ध है. उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार अपने फंड से बचाव व राहत कार्य के लिए राशि जारी कर रही है. पत्रकारों से बातचीत में सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा है कि सरकार ने अपने फंड से 188 करोड़ जारी किए हैं. इसके अलावा 75 करोड़ रुपए डीसी को जारी किए गए हैं, सरकार राहत व बचाव कार्यों में किसी भी तरह की कमी नहीं आने देगी.
मुख्यमंत्री सुखविदर सिंह सुक्खू ने कहा है कि केंद्र सरकार ने आपदा में प्रदेश की मदद करने का भरोसा दिया है. उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार से अभी इस आपदा के लिए राहत राशि नहीं मिली है, केंद्र सरकार ने जो 188 करोड़ रुपए की राशि जारी ही वो हर साल मिलने वाली आपदा राशि का हिस्सा है. प्रदेश सरकार को केंद्र से इस आपदा के लिए मदद की उम्मीद है.
मुख्यमंत्री ने कहा कि हिमाचल प्रदेश में आपदा कम से कम 7 से 8 हजार करोड़ रुपए की संपत्ति इस आपदा तबाह हुई है. अब तक की आपदा से 37 लोगों की जान जा चुकी है, जबकि 16 लोग लापता है.
उन्होंने आज ही केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह से बात की गई है और हिमाचल को कम से कम 2 हजार करोड़ रुपए की अंतरिम राहत राशि देने का आग्रह किया गया है. उन्होंने कहा कि हिमाचल ने पिछले साल की 15वें वित्त आयोग की देय 315 करोड़ की राशि को भी जारी करने का आग्रह किया है. उन्होंने कहा कि केंद्रीय सड़क व परिवहन मंत्री नितिन गडकरी से भी राष्ट्रीय राजमार्गों के लिए राशि जारी करने का आग्रह किया गया है. नितिन गडकरी से प्रदेश में बंद व खस्ताहाल सड़कों की मरम्मत के लिए बजट देने का आग्रह किया है.
सरकार ने बनाया आपदा कोष
मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार ने एक आपदा कोष 2023 स्थापित करने का निर्णय लिया, जिससे कि इस आपदा से निपटा जा सके. उन्होंने कहा कि पिछले 50 सालों में प्रदेश में ऐसी आपदा पहली बार आई है, ऐसे में इससे निपटने के लिए सभी का सहयोग जरूरी है. मुख्यमंत्री ने सभी से आपदा कोष में दान करने की अपील की. उन्होंने कहा कि कांग्रेस विधायक और सरकार में मंत्री एक महीने की सैलरी इस आपदा कोष में देंगे. भाजपा विधायकों से भी इसे लेकर आग्रह किया जाएगा. इसी तरह विभिन्न कर्मचारी और अधिकारियों के संघों ने भी आपदा कोष के लिए अपनी एक दिन की सैलरी देने का ऐलान किया है.