ओपीएस के मुद्दे पर बोले मुख्यमंत्री, हम तलाश रहे हल
कर्मचारियों के लिए जितना काम हमारी सरकार ने किया है, उतना पहले किसी सरकार ने नहीं किया। चाहे वो वेतन की विसंगतियां दूर करना हो, पदनाम से जुड़ी मांगें पूरी करना हो, अनुबंध की अवधि घटाना हो या फिर नया वेतनमान देना हो। यह बात मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने कही।
जयराम ठाकुर ने कहा कि जहां तक ओपीएस की बात है तो बीजेपी की डबल इंजन की सरकार ही इस विषय को हल कर सकती है और हम लगातार प्रयास भी कर रहे हैं।
मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने कहा कि साथ ही हमें ओपीएस के इतिहास को भी देखना होगा। हिमाचल प्रदेश में OPS को कांग्रेस की सरकार ने स्वेच्छा से बंद किया था। उस समय वीरभद्र सिंह मुख्यमंत्री थे और उन्होंने बैक डेट से NPS लागू की थी। फिर उसके बाद जब 2012 से 2017 तक उनकी सरकार रही, तब भी वो कहते रहे कि OPS को बहाल नहीं किया जा सकता क्योंकि ये व्यावहारिक नहीं है।
जयराम ठाकुर ने कहा कि आज जब कांग्रेस को लगा कि हमारी सरकार के खिलाफ कोई मुद्दा नहीं है तो उसने कर्मचारियों को गुमराह करने की कोशिश की। लेकिन कर्मचारियों की इस मांग के प्रति हम भी सहानुभूति रखते हैं।
उन्होंने कहा कि हमारी सरकार ने NPS के तहत आने वाले कर्मचारियों के लिए फैमिली पेंशन लागू की और तुरंत ही इसके लिए 700 करोड़ रुपये का भी प्रावधान किया। यानी हम इस मुद्दे का व्यावहारिक हल चाहते हैं। जबकि कांग्रेस सत्ता में आने के लिए कुछ भी वादा कर रही है। ओपीएस पर वो सिर्फ राजनीति कर रही है। हिमाचल के कर्मचारी इस बात को अच्छी तरह समझते हैं। वो जानते हैं कि कांग्रेस उनका सिर्फ शोषण कर सकती है। कांग्रेस छत्तीसगढ़ और राजस्थान के बहाने ओपीएस को लेकर सिर्फ झूठ फैला रही है जबकि हम गंभीरता से और सहानुभूति से इस पर विचार कर रहे हैं।
उन्होंने कहा कि यह तथ्य है कि कोई भी राज्य सही मायनों में बिना केंद्र की मदद के ओपीएस लागू ही नहीं कर सकता। अभी केंद्र में मोदी जी की सरकार है और आगे भी लंबे समय तक रहने वाली है। बीजेपी की डबल इंजन की सरकार ही इस विषय को हल कर सकती है और हम लगातार प्रयास भी कर रहे हैं।