मीडिया कर्मियों के लिए शिमला में चुनाव विभाग द्वारा एक कार्यशाला आयोजित की गई .मुख्य निर्वाचन अधिकारी मनीष गर्ग की अध्यक्षता में हुई इस कार्यशाला
में पेड, फेक न्यूज और राजनीतिक पार्टियों द्वारा जारी किए जाने वाले विज्ञापनों से संबंधित विभिन्न विषयों पर विस्तार से चर्चा की गई.
गर्ग ने कहा कि राज्य और जिला स्तर पर मीडिया प्रमाणन और निगरानी समितियों का गठन किया गया है ताकि इसकी निगरानी तथा राजनीतिक दलों द्वारा जारी या प्रदर्शित किए जाने वाले विज्ञापनों की सामग्री को मंजूरी दी जा सके.
उन्होंने चुनाव कवरेज के मुद्दों, एग्जिट पोल के संचालन पर रोक लगाने वाली धाराओं, प्रिंट, इलेक्ट्रॉनिक और सोशल मीडिया में विज्ञापनों के संबंध में भारत के चुनाव आयोग द्वारा निर्धारित मापदंडों के अनुसार परिणामों के प्रसार के बारे में मीडिया कर्मियों के संदेहों को भी दूर किया. मीडिया कर्मियों द्वारा पूछे गए विभिन्न प्रश्नों का भी उन्होंने जवाब दिया.
उन्होंने कहा कि क्योंकि मीडिया कर्मियों को पहली बार भारत चुनाव आयोग द्वारा आवश्यक सेवाओं में शामिल किया गया है और वे अपने मताधिकार का प्रयोग करने के लिए फार्म 12-डी भर कर 21 अक्तूबर तक अपने रिटर्निंग अधिकारी के पास जमा कर सकते हैं.
नायब तहसीलदार, प्रशिक्षण मुंशी राम शर्मा ने आचार संहिता के दौरान मीडिया की भूमिका पर एक विस्तृत प्रस्तुति दी. उन्होंने कहा कि मतदान की गोपनीयता का उल्लंघन नहीं होना चाहिए.
कार्यशाला में अतिरिक्त मुख्य निर्वाचन अधिकारी दलीप नेगी और प्रिन्ट एवं इलैक्ट्रॉनिक मीडिया के प्रतिनिधियों ने भाग लिया.